म्यांमार सैन्य शासन को बड़ा झटका, UN में बड़ा प्रस्ताव पास, भारत रहा गैर-हाजिर
- bharat 24
- Jun 19, 2021
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जेनेवा, जून 19: म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ यूनाइटेड नेशंस में बड़ा प्रस्ताव पास किया गया है और पूरी दुनिया ने म्यांमार सैन्य शासकों के खिलाफ विरोध जताया है। यूनाइटेड नेशंस में एक प्रस्ताव पारित कर म्यांमार में सैन्य तख्तालपट की निंदा की है। यूनाइटेड नेशंस ने फौरन म्यांमार सैन्य शासकों को देश में लोकतांत्रित सरकार को बहाल करने की मांग की है और म्यांमार के खिलाफ हथियार प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है। हालांकि, म्यांमार सैन्य शासन के खिलाफ यूएन में प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भारत गैर-हाजिर रहा था।
म्यांमार सैन्य शासन को बड़ा झटका
म्यांमार में इसी साल एक फरवरी को सैन्य शासन की घोषणा की गई थी और उसके बाद से म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था और अब तक एक हजार से ज्यादा नागरिक म्यांमार में मारे जा चुके हैं। यूनाइटेड नेशंस में शुक्रवार को म्यांमार की वर्तमान परिस्थितियों को लेकर मसौदा प्रस्ताव को पास कर दिया गया। यूनाइटेड नेशंस की बैठक में वोटिंग के दौरान 119 देशों ने मतदान किया, लेकिन म्यांमार के एक भी पड़ोसी देश में इस मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया।
भारत ने नहीं लिया वोटिंग में हिस्सा
म्यांमार सैन्य शासन के खिलाफ यूनाइटेड नेशंस में मतदान के दौरान म्यांमार के पड़ोसी देश, भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड और लाओस समेत 36 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। सिर्फ बेलारूस ही एक मात्र ऐसा देश है, जिसने म्यांमार के खिलाफ लाए गये प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है। म्यांमार के खिलाफ वोटिंग से पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति ने कहा कि 'यूनाइटेड नेशंस महासभा में पेश किया गया प्रस्ताव पड़ोसी देशों से सलाह लिए बगैर जल्दबाजी में लाया गया।' भारत के स्थाई प्रतिनिधि ने कहा कि 'यह प्रस्ताव जल्दबाजी में लाया गया है, जो ना सिर्फ गैर मददगार है, बल्कि म्यांमार में मौजूदा स्थिति का समाधान तलाशने के लिए आसियान की कोशिशों कए खिलाफ भी साबित हो सकता है।'
देशों की भागीदारी का आह्वान
यूनाइटेड नेशंस में मतदान के दौरान भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति ने कहा कि भारत, म्यांमार का सबसे निकटतम पड़ोसी देश और एक मित्र देश है और भारत जानता है कि म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता के गंभीर प्रभाव को जानता है। भारत ने यूनाइटेड नेशंस में कहा कि 'मसौदा में जो प्रस्ताव हैं, उससे हमारे विचार प्रतिबंबित होते प्रतीत नहीं हो रहे हैं। भारत इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण समधान पर जोर देता है।' यूनाइटेड नेशंस में लाए गये इस प्रस्ताव को अपेक्षित समर्थन नहीं मिला, लेकिन म्यांमार में एक फरवरी को सैन्य तख्तापलट की निंदा की गई है।
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