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नासा को मिली ऐतिहासिक सफलता मंगल ग्रह से जमा किया ऑक्सीजन मास जीवन की राह हुई आसान



जिंदगी की तलाश में बीते 18 फरवरी को मंगल (Mars) पर उतरे नासा (NASA) के पर्सीवरेंस रोवर (Perseverance Rover) ने नया इतिहास रच दिया है. बता दें कि रोवर ने मंगल पर मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) के बीच सांस लेने योग्य ऑक्सीजन बनाने में कामयाबी हासिल की है.


नासा की एक और सफलता


हालांकि ये ऑक्सीजन बहुत कम मात्रा तैयार हुई है, लेकिन यह सफलता आगे के अभियानों के लिए महत्वपूर्ण है. इससे मंगल (Mars) पर इंसानों को बसाने का रास्ता खुलेगा. इससे पहले रोवर (Rover) के साथ पहुंचा इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर इतिहास बना चुका है.


बीते सोमवार को इनजेन्यूटी ने मंगल पर पहली बार उड़ान भरी थी. यह किसी दूसरे ग्रह पर किसी हेलिकॉप्टर की पहली उड़ान थी.


नासा का एक और उपकरण मंगल पर


अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने एक बयान में कहा कि पर्सीवरेंस रोवर के साथ मॉक्सी (Mars Oxygen In-situ Resource Utilization Experiment) नाम के एक उपकरण को भी मंगल पर भेजा गया है. उसे पहली बार ऑक्सीजन बनाने में सफलता मिली है.


जान लें कि मॉस्की का आकार एक टोस्टर के जैसा है. इस उपकरण ने मंगल पर 20 अप्रैल को ऑक्सीजन बनाई. नासा (NASA) के स्पेस टेक्नोलॉजी मिशन (Space Technology Mission) के असिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेटर जिम रिटर ने कहा कि मंगल ग्रह पर कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) को ऑक्सीजन (Oxygen) में बदलने की दिशा में यह पहला अहम कदम है.


5 ग्राम ऑक्सीजन बनाने में कामयाब


बता दें कि मॉक्सी कार्बन डाइऑक्साइड से ऑक्सीजन के अणुओं को अलग कर देता है. इस प्रक्रिया में करीब 800 डिग्री सेल्सियस की गर्मी की जरूरत होती है. मॉक्सी ये काम करने में सक्षम है. जान लें कि मंगल (Mars) ग्रह पर कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) की कमी नहीं है. यहां के वातावरण में लगभग 96 फीसदी कार्बन डाइऑक्साइड है. मॉक्सी को मंगल पर 5 ग्राम ऑक्सीजन बनाने में कामयाबी मिली है.

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