नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भेजा गया खालसा एड का नाम
- bharat 24
- Jan 19, 2021
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ब्रिटेन के गैर-सरकारी संगठन खालसा एड को उसके मानवीय कार्यों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया है. कनाडा के सांसद टिम उप्पल, ब्रैम्पटन पैट्रिक ब्राउन के मेयर और ब्रैम्पटन के सांसद पीपी प्रबीत सिंह सरकारिया ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए आधिकारिक तौर पर खालसा एड को नॉमिनेट किया है.
द नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी के अध्यक्ष टिम उप्पल ने बेरिट रीस-एंडरसन को लिखे एक पत्र में कहा है कि खालसा एड एक अंतरराष्ट्रीय एनजीओ है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर के आपदा क्षेत्रों और नागरिक संघर्ष क्षेत्रों में मानवीय सहायता प्रदान करना है. साथ ही कहा गया कि खालसा एड संपूर्ण मानव जाति को एक मददगार के रूप में मान्यता देने के सिख सिद्धांत के आधार पर सीमा के पार अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता करने वाला संगठन है.
20 साल से लोगों की मदद कर रहा खालसा एड
कनाडा के नेताओं ने कहा कि इसे रवींद्र (रवि) सिंह द्वारा स्थापित किया गया था, जो साल 1999 में कोसोवो में शरणार्थियों के साथ फंस गए थे. यह संगठन 20 साल से दुनिया भर में बाढ़, भूकंप जैसे प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के पीड़ितों को सहायता प्रदान करता रहा है.उप्पल ने अपने पत्र में लिखा है कि खालसा एड, 'सरबत दा भला' की सिख विचारधारा से प्रेरित है, जिसका अर्थ है सीमाओं, जाति और धर्म की परवाह किए बिना सभी की भलाई हो.
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इस बाबत टिम उप्पल ने ट्वीट में कहा, '20 सालों से से खालसा दुनिया भर में हताश लोगों की मदद कर रहा है. संसद के सदस्य के तौर पर मैं, सांसद पीपी प्रबीत सिंह सरकारिया और पैट्रिक के समर्थन के साथ, खालसा एड को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित कर रहा हूं.'खालसा एड के नॉमिनेशन पर रवि सिंह ने कहा, 'हम इससे बहुत प्रभावित हैं. हम जो कुछ भी करते हैं वह दुनिया भर में हमारी टीमों और वॉलंटरियर्स का शुक्रिया अदा करते हैं. हम इस ऐतिहासिक नामांकन के लिए ऊपर वाले के आभारी हैं.'
बता दें खालसा एड बीते 53 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की सेवा कर रही है. इसने टिकरी सीमा पर एक किसान मॉल भी बनाया है. 16 जनवरी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खालसा एड के भारत के निदेशक अमनप्रीत सिंह और अन्य ट्रस्टियों को समन जारी किया कर जांच एजेंसी के सामने पेश होने को कहा था.
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