top of page

दक्षिण अफ्रीका: जुलू राजा ने भारतवंशियों के खिलाफ हिंसा रोकने की अपील की


जुलू राजा मिसुजुलू काज्वेलिथिनी ने क्वाजुलू नटाल प्रांत के लोगों से भारतीय मूल के लोगों के साथ शांति से रहने की अपील की है। दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले 14 लाख भारतवंशियों में से एक तिहाई लोग इसी प्रांत में रहते हैं। लगातार छठे दिन बुधवार को हिंसा और लूटपाट की घटनाओं के बाद राजा ने टेलीविजन के जरिए संबोधन में कहा, 'जुलू में स्थानीय लोगों और भारतवंशियों के बीच जो कुछ भी हो रहा है, उसे तत्काल खत्म करना चाहिए।' सशस्त्र गिरोहों ने देश के कई हिस्सों में खासकर डरबन में भारतीय मूल के लोगों की फैक्टरियों, दुकानों में तोड़फोड़ की। मिसुजुलू काज्वेलिथिनी ने कहा, 'हमारे भारतीय भाई हमारे पड़ोसी हैं और भारत के बाहर क्वाजुलू नटाल में भारतवंशियों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है।'पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को जेल की सजा के बाद देश में हिंसा की घटनाएं शुरू हुई हैं। जुमा भी जुलू मूल के हैं। बाद में यह हिंसा और भड़क गई और राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने पुलिस और सेना की तैनाती की। देश की शीर्ष अदालत ने जुमा को 15 महीने जेल की सजा सुनाई थी। सरकारी सुरक्षा एजेंसियों और मंत्रियों ने कहा है कि हिंसा और लूटपाट की घटनाओं का जुमा की सजा से कोई जुड़ाव नहीं है बल्कि कुछ गुट निहित हित के कारण इसमें संलिप्त हैं। दक्षिण अफ्रीका में कई जगह आगजनी-लूटपाट दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को जेल भेजने के बाद देश में भीषण हिंसा, लूटपाट और आगजनी का दौर जारी है। इस हिंसा में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1,000 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पिछले पांच दिनों से जारी हिंसा को देखते हुए देश की सबसे बड़ी रिफायनरी को भी बंद करना पड़ा है। हिंसा की चपेट में जोहानिसबर्ग और डरबन जैसे शहर भी आ गए हैं। हालत यह हैं कि सेना की तैनाती के बाद भी देश में संघर्ष और आगजनी की घटनाएं जारी हैं। जुमा समर्थकों ने कई शॉपिंग मॉल को आग के हवाले कर दिया है। पुलिस ने बताया कि मृतकों में ज्यादातर लोग दुकानों में लूटपाट के दौरान भगदड़ मचने से मारे गए। सबसे ज्यादा हिंसा गाउतेंग और क्वाजुलु नताल प्रांतों में हो रही है। हिंसा प्रभावित इलाकों में पुलिस और सेना की अशांति रोकने की कोशिश जारी है।

Comentarios


SHINOVATE OPC PVT. LTD.

  • Facebook
  • YouTube
  • Twitter

©2020 by Bharat 24. Proudly created with Wix.com

bottom of page