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इजराइल की भारी बमबारी से थर्राया गाजा : मारा गया चरमपंथी समूह का शीर्ष नेता,200 पुलिसकर्मियों की मौत



गाजा सिटी/ब्रसेल्स: गाजा पट्टी पर इजराइल की भीषण बमबारी सोमवार तड़के भी जारी रही। भारी हवाई हमले के बाद इजराइल की सेना ने कहा कि उसने चरमपंथियों द्वारा बनायी गई सुरंगों के 15 किलोमीटर लंबे हिस्से और हमास के नौ कमांडरों के मकानों को ध्वस्त कर दिया है। इस जंग ने अभी तक दोनों पक्षों के सैकड़ों लोगों की जान ली है। ताजा हमलों में इस्लामिक जिहाद चरमपंथी समूह के गाजा के शीर्ष नेता की मौत हो गई है। गौरतलब है कि इजराइली सेना हाल के दिनों में उसकी सीमा में दागे गए हजारों रॉकेटों में से कुछ के लिए इस समूह को जिम्मेदार मानती है।


इजराइल का कहना है कि वह गाजा पर शासन करने वाले चरमपंथी समूह हमास के खिलाफ अपने हमले फिलहाल जारी रखना चाहता है और इस बीच अमेरिका ने संकेत दिया है कि संघर्षविराम के लिए वह दोनों पक्षों पर कोई दबाव नहीं बनाएगा।


हालात और बिगड़ने की आशंका


गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हवाई हमलों में कम से कम 200 फिलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें 59 बच्चे और 35 महिलाएं शामिल हैं, जबकि 1,300 लोग घायल हुए हैं। वहीं, गाजा से इजराइल में दागे गए रॉकेटों की चपेट में आकर पांच साल के एक बच्चे और एक सैनिक सहित कुल आठ लोगों की मौत हुई है। पुलिस के अनुसार, इजराइल में यहूदियों और अरबों के बीच हिंसा शुरू हो गयी है, जिसमें काफी लोग घायल हुए हैं। गाजा के मेयर यह्या सराज ने अल-जजीरा टीवी को बताया कि हमलों से सड़कों और अन्य आधारभूत संरचनाओं को बहुत नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, ''अगर संघर्ष जारी रहा तो, हमें हालात और बिगड़ने की आशंका है।''


संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही चेतावनी जारी की


संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही चेतावनी जारी की है कि क्षेत्र के एक एकमात्र बिजली घर में ईंधन समाप्त होने का खतरा है और सराज ने बताया कि गाजा के पास मरम्मत के लिए कल-पुर्जों की भी कमी है। गाजा में पहले से ही 8 से 12 घंटों की बिजली कटौती हो रही है और वहां नल से आने वाला पानी पीने लायक नहीं है। क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनी के प्रवक्ता मोहम्मद ताबेत ने बताया कि संयंत्र के पास गाजा को दो-तीन दिनों तक बिजली आपूर्ति करने लायक ईंधन है। उन्होंने बताया कि हवाई हमले से आपूर्ति लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी है और कंपनी के कर्मचारी उन क्षेत्रों में नहीं जा पा रहे हैं जो लगातार इजराइली हमले की जद में हैं। यरुशलम में फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इजराइली पुलिस के बीच झड़प के कुछ सप्ताह बाद पिछले सोमवार को चरमपंथी समूह हमास ने यरुशलम पर रॉकेट दागे थे, जिसके बाद युद्ध शुरू हुआ। युद्ध शुरू होने से लेकर अभी तक इजराइली सेना ने सैकड़ों की संख्या में हवाई हमले किए हैं। उसका कहना है कि वह हमास चरमपंथियों की आधारभूत संरचनाओं को निशाना बना रही है। वहीं फलस्तीनी चरमपंथियों ने इजराइल पर 3,100 से ज्यादा रॉकेट दागे हैं।


14 साल के करियर में ऐसी तबाही नहीं देखी है''


गाजा में आपात बचाव अधिकारी समीर अल-खातिब ने बताया, ''मैंने अपने 14 साल के करियर में ऐसी तबाही नहीं देखी है।'' उन्होंने कहा, ''2014 के युद्ध के दौरान भी नहीं।'' अमेरिकी राजनयिक हैदी अमर ने सोमवार को फलस्तीनी प्रशासन के प्रतिनिधिमंडल से भेंट की। उन्होंने रविवार को इजराइली पक्ष से मुलाकात की थी। हालांकि, अमेरिकी सरकार ने जंग को लेकर अभी तक इजराइल के पक्ष की सार्वजनिक रूप से निंदा नहीं की है और न ही क्षेत्र में किसी शीर्ष राजनयिक को रवाना किया है। डेनमार्क यात्रा पर गए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका जंग रोकने के किसी भी कदम का समर्थन करता है लेकिन संकेत दिया कि उनकी सरकार की मंशा किसी भी पक्ष पर संघर्ष विराम स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने की नहीं है।


अंतरराष्ट्रीय राजनयिक-यूरोपीय संघ जंग को खत्म करने की कोशिशों में जुटे


अंतरराष्ट्रीय राजनयिक, विशेष रूप से यूरोपीय संघ सप्ताह भर से चल रहे इस जंग को खत्म करने की कोशिशों में जुटे हैं। यूरोपीय संघ का कहना है कि इजराइल की सेना और फिलीस्तीनी चरमपंथियों के बीच जारी हिंसक संघर्ष को रोकने के अपने प्रयासों को वह दोगुना करेगा और मंगलवार को विदेश मंत्रियों की विशेष बैठक में इसपर चर्चा होगी। यूरोपीय देश जर्मनी की चांसलर एंजला मर्केल ने सोमवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंनामिन नेतन्याहू से फोन पर बात करके इजराइल और आत्मरक्षा के देश के अधिकार के साथ जर्मनी की एकजुटता जतायी।

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