top of page

NASA करने जा रहा है अब तक के सबसे शक्तिशाली रॉकेट का परीक्षण



पिछले एक साल में अंतरिक्ष अनुसंधान (Space Research) में बहुत ज्यादा काम हुए हैं. जहां एक साल पहले सुदूर #अंतरिक्ष_यात्राएं (Space Travel) केवल संभव मानी जा रही थीं, #चांद (#Moon) और मंगल (Mars) पर इंसान का लंबे समय तक जाना कल्पना नहीं रहने वाली थी. अब इन पर बाकायदा काम होने लगा है. अंतरिक्ष पर्यटन (#Space_Tourism) पर इतनी तेजी से काम हो रहा है कि अब केवल समय की बात रह गई लगती है. इसी दिशा में #नासा (#NASA) आगामी 17 जनवरी को दुनिया का 'अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट' स्पेस लॉन्च सिस्टम (#SLS) का प्रक्षेपण करने जा रहा है. आर्टिमिस अभियान का हिस्सा

नासा के मुताबिक इस शक्तिशाली रॉकेट का उपोयग गैर व्यवसायिक मानव अंतरिक्ष उड़ान के ले किया जाएगा.

नासा स्पेस लॉन्च सिस्टम पर पिछले कुछ सालों से काम कर रहा है. इसका परीक्षण नासा अनेक कारणों से कई बार टाल भी चुका है. इस समय नासा का सबसे प्रमुख अभियान #आर्टिमिस कार्यक्रम पर काम चल रहा है. जिसमें तीन चरणों के अभियानों के अंतिम चरण में एक महिला और एक पुरुष यात्री को चंद्रमा की धरती पर उतारा जाएगा.


*रॉकेट के दो खास हिस्से*


एसएलएस नासा के आर्टिमिस कार्यक्रम की सबसे अहम धुरी है. इसी के तहत नासा सबसे शक्तिशाली रॉकेट का निर्माण कर रहा है. रॉकेट के दो बड़े हिस्से होते हैं एक तरल ईंधन इंजन और दूसरा ठोस ईंधन बूस्टर. एक रॉकेट में कई बूस्टर का उपयोग किया जाता है जो अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की निचली कक्षा के आगे पहुंचाने के लिए अतिरिक्त बल लगाते हैं. पहले #इग्नीशियन परीक्षण के बाद नासा केवल तरल ईंधन इंजन का परीक्षण करेगा.


*8 परीक्षणों का अंतिम चरण*


यह परीक्षण नासा के आठ भागों की परिक्षण का अंतिम चरण होगा. इस प्रक्रिया को नासा ने एसएलएस ग्रीन रन (SLS Green Run) नाम दिया है. इससे पहले के चरण यानि कि सातवें चरण का परीक्षण पिछले महीने की 20 तारीख को किया गया था. उस परीक्षण में रॉकेट ने 2.65 लाख लीटर की अतिशीत (supercooled) तरल ईंधन ले जाने की क्षमता दिखाई थी. यह परीक्षण नासा के मिसीसिपी के सेंट लुईस खाड़ी के पास स्टेनिस स्पेस सेंटर पर किया जाएगा. अल्बाम के हंटस्विले में नासा के मार्शन्ल स्पेस फ्लाइट सेंट के एसएलएस स्टेजेस मैनेजर जूली बासलेर ने बताया कि ग्रीन रन टेस्ट की वेट ड्रेस रिहर्सल के दौरान कोर स्टेज, स्टेज कंट्रोलर और ग्रीन रन सॉफ्टवेयर सभी ने बिना किसी खामी के कार्य किया और जब टैंक पूरी तरह से भरे थे तब दो घंटों तक किसी तरह का कोई रिसाव नहीं पाया गया.


*कितना शक्तिशाली*


बासलेर ने बताया कि अब के सभी परीक्षण आंकड़ों से हमें यह आश्वासन मिला है कि टीम वास्तविक परीक्षण के लिए जा सकती है. #एसएलएस 322 फुल लंबा है जो कि सैटर्न V (363) से थोड़ी कम ऊंचाई का है. इस रॉकेट ने 1960 में #एस्ट्रोनॉट्स को चंद्रमा पर ले जाने का काम किया था. लेकिन एसएलएस सैटर्न V से लिफ्टऑफ के मामले में 15 प्रतिशत ज्यादा शक्तिशाली है. इसके अलावा यह बाह्य #अंतरिक्ष में बहुत ज्यादा भार ले जाने में सक्षम है.

コメント


SHINOVATE OPC PVT. LTD.

  • Facebook
  • YouTube
  • Twitter

©2020 by Bharat 24. Proudly created with Wix.com

bottom of page