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यह है धरती का सबसे महंगा पदार्थ, इतना महंगा कि इसके 1 ग्राम को बेचकर आप खरीद सकते हैं एक देश




जब भी दुनिया की सबसे महंगी वस्तु की बात होती है तो आमतौर 'डायमंड' का नाम दिमाग़ में सबसे पहले आता है, लेकिन ऐसा नहीं है. प्लैटिनम, रोडियम, यूरेनियम और कैलिफोर्नियम समेत कई ऐसे पदार्थ हैं जो 'डायमंड' से कहीं अधिक महंगे होते हैं. ज़रा सोचकर देखिये कि धरती का सबसे महंगा पदार्थ क्या होगा?

Source: wikipedia

दुनिया में एक ऐसा पदार्थ भी है जिसे धरती का सबसे महंगा पदार्थ कहा जाता है. इसका नाम एंटीमैटर (Antimatter) है. शायद आप भी ये नाम पहली बार ही सुन रहे होंगे. एंटीमैटर इतना महंगा होता है कि इसके 1 ग्राम को बेचकर आप 100 छोटे देश ख़रीद सकते हैं. इसके 1 ग्राम की क़ीमत इतनी अधिक होती है कि आप उसे काउंट भी नहीं कर सकते.


आइए जानते हैं आख़िर ये 'एंटीमैटर' होता क्या है?


एंटीमैटर (Antimatter ) को धरती का सबसे महंगा पदार्थ है. इसे दुनिया का सबसे महंगा मैटेरियल भी कहा जाता है. हिंदी में 'एंटीमैटर' को 'प्रतिद्रव्य' या 'प्रतिकण' भी कहा जाता है. जिस तरह से कोई 'पदार्थ' कणों से मिलकर बना होता है ठीक उसी प्रकार 'प्रतिद्रव्य' भी प्रतिकणों से मिलकर बना होता है.

कहां पाया जाता है 'एंटीमैटर'?


इसकी खोज 20वीं शताब्दी में हुई थी. ये अंतरिक्ष में छोटे-छोटे टुकड़ों में मौजूद होता है. जिस तरह सभी भौतिक वस्तुएं मैटर यानी पदार्थ से बनती हैं और मैटर में प्रोटोन, इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन होते हैं, उसी तरह एंटीमैटर में एंटीप्रोटोन, पोसिट्रॉन्स और एंटीन्यूट्रॉन होते हैं. एंटीमैटर को बनाने के लिए लैब में वैज्ञानिक इसे दूसरे पदार्थों के साथ मिलाकर थोड़ा रिफाइन करते हैं.



आख़िर कितनी है 'एंटीमैटर' की क़ीमत?


वर्तमान में एंटीमैटर (Antimatter) के 1 ग्राम की क़ीमत 62.5 ट्रिलियन डॉलर (4,56,95,03,12,50,00,00 रुपये) के क़रीब है. 'एंटीमैटर' इसलिए सबसे महंगा माना जाता है, क्योंकि इसे बनाने वाली टेक्नोलॉजी सबसे ज़्यादा खर्चीली मानी जाती है. 1 मिलीग्राम 'एंटीमैटर' बनाने में क़रीब 250 लाख रुपये की लागत आती है.


एंटीमैटर' का इस्तेमाल कहां किया जाता?


एंटीमैटर (Antimatter) का इस्तेमाल अंतरिक्ष में जाने वाले विमानों के ईधन में किया जाता है. अस्पतालों और रेडियोधर्मी अणुओं को पॉजिट्रान एमिशन टोमोग्राफ़ी के रूप में मेडिकल इमेजिंग में भी इसका इस्तेमाल होता है. इसके अलावा इसका इस्तेमाल परमाणु हथियारों में भी किया जाता है. क़रीब आधा किलो एंटीमैटर में दुनिया के सबसे बड़े 'हाइड्रोजन बम' से भी अधिक विध्वंसक ताकत होती है. रॉकेट लॉन्चर में भी इसे इस्तेमाल किया जाता है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि, एंटीमैटर एक पदार्थ के समान ही है, लेकिन उसके एटम के भीतर की हर चीज उलटी है. एटम में सामान्य तौर पर पॉज़िटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और नेगेटिव चार्ज वाले इलैक्ट्रोंस होते हैं, लेकिन 'एंटीमैटर' एटम में नेगेटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और पॉज़िटिव चार्ज वाले इलैक्ट्रोंस होते हैं. ये एक तरह का ईधन भी है, जिसे अंतरिक्षयान और विमानों में किया जाता है.

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