महाराज सुहेलदेव की जयंती मना रही है सरकार, स्कूलों में आयोजित हुए कार्यक्रम,PM ने रखी स्मारक की नीव
- bharat 24
- Feb 16, 2021
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बसंत पंचमी के दिन राजा सुहेल देव के जन्म दिन के मौके पर चितौरा झील के किनारे बने सुहेल देव मंदिर को पर्यटक स्थल बनाने को लेकर भूमि पूजन किया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रावस्ती के महान योद्धा राजा सुहेलदेव के 4.20 मीटर ऊंची प्रतिमा निर्माण एवं करोड़ो की परियोजनाओं का वर्चुअल शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री ने देश की जनता को एक संदेश देते हुए राजा सुहेल देव की जीवनी पर प्रकाश डाला और बहराइच में बने मेडिकल को महाराजा सुहेल देव का नाम रखने की बात कही ताकि आने वाली पीढ़ी इस महान योद्धा को याद रखे।पीएम मोदी ने आगे कहा कि महाराजा सुहेलदेव को इतिहास में वह स्थान नहीं मिला जिसके वह असल में हकदार थे।आजादी के नायक सरदार वल्लभभाई पटेल , सुभाष चंद्र बोस और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भी उचित सम्मान नहीं दिया गया । हमारी कोशिश है कि हम देश के इन महापुरुषो का सम्मान करें
महाराजा सुहेलदेव स्मारक स्थल चित्तौरा में वसंत पंचमी को भूमिपूजन करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सबके लिए आज गौरव का दिन है। लगभग एक हजार वर्ष पूर्व विदेशी आक्रांता से महाराजा सुहेलदेव ने इसी धरती को पूरी तरह सुरक्षित किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने बहराइच में चार वर्ष पहले इस क्षेत्र को आरोग्य बनाने के लिए मेडिकल कॉलेज दिया था। जो बनकर तैयार हो गया है। उसे महाराजा सुहेलदेव का नाम दिया गया है, जिसका उद्घाटन आज मोदी जी कर रहे हैं। महाराजा सुहेलदेव के स्मरण के साथ ही हमें महर्षि बालार्क का भी स्मरण हो आता है, जिनकी प्रेरणा से इस क्षेत्र में राजाओं ने एकत्र हो करके सुहेलदेव के नेतृत्व में उस समय के विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ इतिहास की ऐसी लड़ाई लड़ी थी।
उनके शौर्य और पराक्रम के कारण अगले डेढ़ सौ वर्षों तक कोई विदेशी आक्रांता फिर हमला करने का दुस्साहस नहीं कर सका।
बहराइच को नई पहचान देने वाले ऋषि बालार्क के नाम पर भी प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रदेश सरकार ने जिला चिकित्सालय का नामकरण कर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है। देश की आजादी के लिए लड़ने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गोरखपुर के चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव कार्यक्रम के जरिए हर एक शहीद स्मारकों पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उसी श्रंखला में एक हजार वर्ष बाद महाराजा सुहेलदेव का स्मरण पहली बार किसी सरकार द्वारा हुआ है। जिस स्थल पर एक हजार वर्ष पहले महान युद्ध लड़ा गया था, उसी स्थल पर आज भव्य स्मारक का शिलान्यास हुआ है।
प्रदेश के स्कूलों में भी सरस्वती पूजन के साथ याद किए गए महाराजा सुहेलदेव
प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में सरस्वती पूजन के साथ महाराजा सुहेलदेव की जयंती भी धूमधाम से मनाई गई , प्रदेश सरकार के मनसा अनुरूप छात्रों को महाराजा सुहेलदेव के बलिदान एवं गौरवशाली इतिहास के बारे में बताया गया है इसी क्रम में गोरखपुर के परम ज्योति इंटर कॉलेज ,जंगल कौड़ियां, गोरखपुर के वरिष्ठ अध्यापक शिवनंदन सिंह ने बताया कि भारतवर्ष के इतिहास में मध्यकाल की 11वीं सती में उप्र.के बहराइच में महाराजा सुहेलदेव एक प्रतापी राजा हुए थे। जिन्होने विदेशी अक्रांताओं से भारतीय संस्कृति एवं विरासत की रक्षा की थी। महाराजा सुहेलदेव की शौर्य एवं पराक्रम वर्तमान पीढ़ी के लिए एक गौरवशाली उदहारण है।
महाराजसुहेलदेव ने देश की राजनीतिक व सांस्कृतिक सुरक्षा के साथ-साथ जल-संरक्षण, गोसंरक्षण एवं जनकल्याण के अनेक कार्य कराये। जिससे आमजन को अत्यंत लाभ हुआ। उक्त अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ सहायक पलटू राम साहनी व दीनबंधु सिंह तथा रवि प्रताप सिंह, अखिलेश, भोलेंद्र, चंद्रप्रकाश, गुलाबचंद, सीमा मौर्या व रमेश गौड़ समेत अनेक लोग उपस्थित थे।
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