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मिर्जापुर: विंध्यवासिनी मंदिर में VIP व्यवस्था करने पर भड़के लोग, BJP विधायक ने सबके लिए खुलवाया रास


उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के प्रसिद्ध विध्यंवासिनी मंदिर में वीआईपी व्यवस्था के नाम पर विवाद शुरू हो गया. जिला प्रशासन ने माननीयों के पूजन-दर्शन के लिए एक अलग व्यवस्था की थी, जिसके खिलाफ लोग आक्रोशित हो गए थे. मंदिर में भारी भीड़ की वजह से दर्शनार्थियों को हो रही परेशानी के चलते भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक रत्नाकर मिश्रा ने जिला प्रशासन की ओर से आरक्षित किए गए वीआईपी मार्ग को आम जनता के लिए भी खुलवा दिया. मंदिर में शुरू किए गए इस वीआईपी मार्ग को लेकर विवाद शुरू हो गया था. आम दर्शनार्थियों के बजाय वीआईपी दर्शनार्थियों को तरजीह देने के नाम पर शुरू की गई व्यवस्था पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. मां विंध्यवासिनी मंदिर में दूर-दूर से लाखों की संख्या में भक्त दर्शन-पूजन के लिए आते हैं. कोरोना काल में लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों में छूट मिलने के बाद मंदिर के बाहर आने वाले दर्शनार्थियो की संख्या में तेजी से बढ़ी है. मंदिर में बढ़ती भीड़ को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह और क्षेत्राधिकारी सिटी प्रभात राय ने मंदिर पर व्यवस्था संचालन करने वाली संस्था और पंडा समाज के लोगों के साथ बैठक की थी. VIP के लिए बनाया गया था अलग मार्ग बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि मंदिर पर मुख्य प्रवेश द्वार के लिए जाने वाले दो मार्गों में से एक मार्ग वीआईपी दर्शनार्थियों के लिए आरक्षित किया जाए. वीआईपी भक्तों को दर्शन में असुविधा न हो इसके लिए टोकन की व्यवस्था की गई. मगर यह व्यवस्था लागू होने के बाद ही विवादों में पड़ गया. एक ही रास्ता होने की वजह से परेशान थे लोग पहले मंदिर पर कुछ पंडो ने ही इसका विरोध किया, फिर गुप्त नवरात्र की वजह से भारी-भीड़ की वजह से आम लोगों के लिए एक मार्ग आरक्षित होने की वजह से दर्शनार्थियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. एक ही रास्ता होने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही थी. जब मंदिर पर अव्यवस्था बढ़ी तो खुद विधायक भी वहां पहुंचे. विधायक ने आरक्षित मार्ग को भी जनता के लिए खुलवा दिया, जिसके बाद जाकर राहत मिली. कम जगह होने से पहले भी होती रही है दिक्कत विंध्याचल मंदिर में कम जगह होने की वजह से पहले ही भीड़ को व्यवस्थित करने में मुश्किल होती थी. मंदिर के मुख्य द्वार से दो लाइन मंदिर के लिए जाते हैं, जिसे आम दर्शनार्थियों और वीआईपी दर्शनार्थियो दोनों के दर्शन करवाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. मगर एक पूरा मार्ग ही वीआईपी के लिए आरक्षित करने से विवाद शुरू हो गया. विंध्य पंडा समाज के पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक का कहना है कि जिला प्रशासन को सिर्फ वीआईपी की चिंता है. इस मार्ग के आरक्षित होने के बाद आम दर्शनार्थियो को भारी परेशानी हो रही थी.

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