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तुर्की में मिला 'ब्रह्मांड का नक्शा', 3200 साल पुराने इस दस्तावेज से धरती के नीचे मौजूद 'अंडरवर्ल्ड'




तुर्की (Turkey) के एक मंदिर में पुरातत्व विभाग (Archaeological Department) खुदाई कर रहा था, तभी उनके हाथ एक हैरतअंगेज चीज लगी. दरअसल, पुरातत्व विभाग को इस मंदिर में एक प्राचीन कैलेंडर (Ancient Calender) और ब्रह्मांड का नक्शा (Universe Map) मिला. माना जा रहा है कि पत्थरों पर उकेरी गई पेंटिंग 3200 साल पुरानी है. इसमें एक ‘धरती के नीचे की दुनिया’ का जिक्र है, जो पृथ्वी के नीचे मौजूद है. जिस मंदिर से पुरातत्व विभाग को ये प्राचीन चीजें हाथ लगी हैं, उसे पहली बार फ्रांसीसी पुरात्वविद् और इतिहासकार चार्ल्स टेक्सियर (Charles Texier) ने 1834 में खोजा था.


इस मंदिर में चूनापत्थर पर उकेरी गई आकृति में 90 तरह के जानवर, शैतान और देवताओं की आकृतियां मौजूद हैं. चार्ल्स टेक्सियर द्वारा इस मंदिर को खोजे जाने के 200 साल बाद इस बात को समझा जा सका है कि ये ब्रह्मांड का नक्शा है. शोधकर्ताओं का मानना है कि ब्रह्मांड (Universe) की इस तस्वीर में पृथ्वी, आकाश और एक अंडरवर्ल्ड शामिल है. एक दीवार पर सूर्य देव (Sun God) उकरे गए हैं तो दूसरी दीवार पर तूफान की देवी (Strom Goddess) बनी हुई हैं.


दिन-रात और सर्दी-गर्मी जैसे बदलते समय का भी जिक्र


इसमें भगवान को दूसरों से ऊपर दिखाया गया है. दूसरी ओर पूर्व और पश्चिम की दीवारों पर कम लोग हैं. इसके अलावा, जन्म और मृत्यु को दर्शाने वाले चंद्रमा के विभिन्न चरण हैं. एक अनुमान के अनुसार तब 17 देवताओं को माना जाता था. एक कमरे में मौजूद पेंटिंग अंडरवर्ल्ड दुनिया के बारे में बताती है. एक शोधकर्ता के अनुसार मंदिर में ब्रह्मांड की एक छवि दिखाई गई है. इसमें एक निश्चित पृथ्वी, आकाश और अंडरवर्ल्ड भी है, और दिन-रात और सर्दी-गर्मी जैसे बदलते समय हैं.


हिताइत साम्राज्य ने करवाया था मंदिर का निर्माण


इस मंदिर को याजलिकिया मंदिर के रूप में जाना जाता है, जिसका निर्माण हिताइत समाज ने कराया था. इसमें उन्होंने ये बताया कि ब्रह्मांड किस तरह तैयार हुआ था. हिताइत साम्राज्य ने तुर्की पर 1700 और 1100 ईसा पूर्व में शासन करता था. इस मंदिर में पत्थर की कई आकृतियां मौजूद हैं. याजलिकिया एक ओपन-एयर मंदिर है और ये हिताइत साम्राज्य के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक था. इस साम्राज्य की राजधानी हतुसा को मध्य तुर्की के बोगाजकाले गांव में ढूंढ़ा जा सकता है.

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