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कई बार आसमान से भी हो जाती है 'पैसों की बारिश', कई लोग रातों-रात बने हैं करोड़पति




आपने अक्सर अखबारों या इंटरनेट पर देखा होगा कि किसी व्यक्ति के घर में आसमान से कुछ गिरा और उसको बेचा तो उसकी कीमत करोड़ों रुपये निकली है. ऐसी कई घटनाएं हैं, जब आसमान से गिरी कुछ ऐसी वस्तुओं की कीमत 10-20 लाख रुपये नहीं बल्कि करोड़ों रुपये होती है. कई सामान्य परिवार के लोग भी इनके जरिये अमीर हो गए हैं. लेकिन सवाल ये है कि आसमान से ऐसा क्या गिरता है और उनकी कीमत इतनी ज्यादा क्यों होती है.


दरअसल, आसमान से गिरने वाली वस्तुएं अक्सर उल्कापिंड होती है और इनमें ऐसे कुछ बेशकीमती तत्व होते हैं, जिनकी कीमत काफी ज्यादा होती है. आइए विस्तार से जानते हैं कि यह पृथ्वी पर कैसे आ जाते हैं और इनकी कीमत इतनी क्यों होती है और इन्हें कौन खरीदता है…


क्या होती है इंसान को करोड़पति बनाने वाली ये वस्तुएं?


दरअसल, आसमान से गिरने वाली ये वस्तुएं उल्कापिंड होती हैं. उल्कापिंड एक तरह का ठोस टुकड़ा होता है, जो अंतरिक्ष में धूमकेतु आदि से टूटकर नीचे गिर जाता है. यह किसी और सतह पर आने के बजाय वायुमंडल से नीचे आ जाता है. कई बार आप देखते होंगे कि कुछ जलती हुई चीज नहीं गिर जाती है, जिसे कई लोग टूटता हुआ तारा भी कहते हैं. ये वैसे कोई तारे नहीं होते हैं, बल्कि उल्कापिंड होते हैं और वो किसी के घर में गिर जाते हैं तो उसे बेच देते हैं.


जलते हुए क्यों दिखाई देते हैं?


दरअसल, जब उल्कापिंड पृथ्वी के वायुमंडल में आते हैं तो रिएक्शन की वजह से जलने लग जाते हैं और जलते हुए नीचे गिर जाते हैं. इस वजह से ही यह जलते हुए दिखाई देते हैं. कई बार ये बिना जले हुए भी धरती पर गिर जाते हैं और हर उल्कापिंड की अलग कीमत होती है. बिना जले नीचे गिरने वाले उल्कापिंड meteorites होते हैं. इसमें अलग अलग खनिज तत्व होते हैं.


क्या होता है खास?


कई लोग इसे एक साधारण चट्टान का टुकड़ा मानते हैं. वैसे यह तीन प्रकार के होते हैं, जिन्हें स्टोनी, आयरन और स्टोनी-आयरन कैटेगरी में बांटा गया है. इनमें कई सबग्रुप भी होते हैं. Stony meteorites कई तत्व से बने होते हैं, जिसमें सिलिकॉन या ऑक्सीजन जैसे पदार्थ होते हैं. इसके अलावा इनमें निकेल और आयरन भी होता है. Iron Meteorites में सिर्फ आयरन और निकेल होता है. Stony-Iron Meteorites में मेटल के साथ कई और तत्व भी होते हैं. इनपर वैज्ञानिक काफी शौक से रिसर्च करते हैं और यह काफी महंगे बिकते हैं.


क्यों होते हैं इतने महंगे?


पत्थर की तरह दिखने वाला ये उल्कापिंड काफी बड़ा होता है, लेकिन पृथ्वी पर छोटा सा टुकड़ा आ पाता है. एक तो इस पर रिसर्च करने वाले लोग इसे खरीदते हैं, जिसकी वजह से यह महंगे दाम पर बिकता है. दूसरी ओर, इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं, जो पृथ्वी पर बड़ी मुश्किल से मिलते हैं, ऐसे में ये काफी बेशकीमती होते हैं. इसलिए इसकी कीमत काफी ज्यादा होती है. इन पर रिसर्च करने वाले लोग इससे कई अंतरिक्ष के बारे में कई जानकारी जुटाते हैं.


54 टन का भी गिरा था


एक बार काफी बड़ा उल्कापिंड भी धरती पर मिला था. यह 1920 में नाबीबिया में मिला था. इसका वजन करीब 54 हजार किलो था. यह इतना भारी था कि उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जाया सके

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