यूएफओ दिखाई देने की बातों के बीच अमेरिकी संसद में एक रिपोर्ट (US government report on UFO) पेश हो रही है, जो एलियन्स को लेकर होगी. रक्षा मंत्रालय पेंटागन (Pentagon on UFO) ये रिपोर्ट देगा, जिसमें उन तमाम घटनाओं का जिक्र होगा, जब कथित तौर पर एलियन से जुड़े अंतरिक्ष विमान दिखे. बता दें कि ऐसी 120 से भी ज्यादा घटनाओं की अब तक जानकारी मिली है. एलियन्स के अस्तित्व से अलग एक आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका से दुश्मनी रखने वाले देश रूस या चीन किसी एडवांस तकनीक से ऐसा भ्रम पैदा कर रहे हैं.
अब तक इस रिपोर्ट के बारे में क्या जानते हैं
पिछले साल अगस्त में पेंटागन ने UFO के बारे में जांच के लिए एक टास्क फोर्स बनाई. नेवी इंटिलिजेंस के तहत इस प्रोग्राम को अनआइडेंटिफाइड एरियल फेनॉमेना टास्क फोर्स (Unidentified Aerial Phenomenon Task Force) कहा जा रहा है. इसका काम आसमान में उड़ते हुए अलग तरह के एयरक्राफ्ट पर नजर रखना है. टास्क फोर्स ये समझने की कोशिश कर रहा है कि वो क्या है, कहां से आए हैं और क्या मकसद हो सकता है.
फिलहाल पक्की जानकारी नहीं
टास्क फोर्स ने अपना काम किया और इसी महीने की शुरुआत में रिपोर्ट दे भी चुका है. माना जा रहा है कि लगभग 120 एलियन गतिविधियों का संकेत तो मिला लेकिन फिलहाल इस बारे में पक्की जानकारी नहीं है कि अमेरिकी के इस टास्क फोर्स की रिपोर्ट में क्या है.
गुप्त तौर पर काम कर रहा था टास्क फोर्स
कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा चुका है कि टास्क फोर्स कहने को ही सालभर पहले बना, असल में ये टीम खुफिया तरीके से लगभग 1 दशक से काम कर रही थी. इस दौरान टीम की कई रहस्यमयी चीजों से मुठभेड़ हुई. इसे समझने के लिए भी अरबों रुपए बहाए गए.
एरिया-51 में एलियंस पर प्रयोग
कथित तौर पर वहां नेवादा के एरिया-51 में एलियंस पर गुप्त प्रयोग 50 के दशक से चल रहा है. जून 1959 में पहली बार ये बात मीडिया में आई कि नेवादा के आसपास के लोग हरी चमक के साथ कुछ रहस्यमयी चीजों को उड़ता देख चुके हैं. ये खबर Reno Gazette नामक शाम के अखबार में आई, जिसके बाद से लगातार मुख्य मीडिया में भी ऐसी बातें आने लगीं.
माना जाने लगा कि यहां एलियंस को बंधक बनाकर रखा गया है और अमेरिकी वैज्ञानिक उनपर प्रयोग कर रहे हैं. हालांकि इसकी सच्चाई कभी नहीं बताई गई और न ही उस इलाके में किसी को जाने की अनुमति मिल सकी.
क्यों है एलियंस में अमेरिका की दिलचस्पी
एफओ पर शोध करने के कई मकसद हैं. इसका इसका एक इरादा तो ये पता लगाना तो है ही कि क्या दूसरे ग्रहों पर जीवन है. साथ ही ये पता करना भी है कि कहीं दूसरे कोई राष्ट्र चोरी से अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की कोशिश तो नहीं कर रहा. फर्स्टपोस्ट में आई रिपोर्ट में सीनेटर मार्को रूबियो, जो सीनेट सलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस के चेयरमैन भी है, उन्होंने मियामी में कई बातों का खुलासा किया.
उनके मुताबिक कई अनआइडेंटिफाइड एयरक्राफ्ट यूएस के मिलिट्री बेस पर मंडराते देखे गए हैं. अब ये जानना भी जरूरी है कि ये एयरक्राफ्ट कहां से थे और क्या कर रहे थे. रूबियो का अनुमान है कि ये रूस या चीन के एयरक्राफ्ट भी हो सकते हैं, जो किसी खास तकनीक से तैयार किए गए हों ताकि उनकी पहचान न हो सके. ये सीधे-सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा है.
कब-कब देखा अमेरिकी सेना ने यूएफओ
साल 2004 में डिपार्टमेंट ऑप डिफेंस ने सैन डियागो में नेवी के एक फाइटर जेट ने अनआइडेंटिफाइड ऑब्जेक्ट देखा. इसके बाद समझ आ सका कि भले ही पेंटागन ने यूएफओ पर अपनी खुफिया रिसर्च बंद करने का एलान किया था लेकिन वो और भी ज्यादा गुप्त तरीके से नेवल इंटेलिजेंस के तहत चल रही थी. बता दें कि साल 2017 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस बारे में बात की थी. तब अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि साल 2012 में ही यूएफओ पर काम करने वाली यूनिट की फंडिंग बंद हो गई और वो यूनिट भी भंग कर दी गई. हालांकि, कार्यक्रम के साथ काम करने वाले लोगों ने कहा कि ये काम लगातार होता रहा.
अब जाकर होगा खुलासा
अब पेंटागन आसमान में इन्हीं अज्ञात चीजों के बारे में खुलासा करने जा रहा है. माना जा रहा है कि वो सीक्रेट मिशन में आए निष्कर्षों में से कुछ ही बातें लोगों के सामने रखेगा वरना इसका फायदा दूसरे देश ले सकते हैं. न्यू यॉर्क टाइम्स जैसे मीडिया में कहा जा रहा है कि शायद पेंटागन की एलियन पर रिपोर्ट उतनी साफ न हो. लेकिन इससे ये खारिज नहीं हो सकेगा कि एलियन नहीं हैं, बल्कि इससे इस बात को बल ही मिलेगा.
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