यूपी के शाहजहांपुर की होली अनोखी मानी जाती है. यहां जूता मार होली खेली जाती है. यहां होली के दिन शहर में लाट साहब का जुलूस निकलता है. इस जुलूस के दौरान कोई सांप्रदायिक विवाद न हो, किसी मस्जिद पर रंग न पड़े, इसका भी ध्यान रखा जाता है. जुलूस के रास्ते में पड़ने वाली करीब 40 मस्जिदें रंग से बचाने के लिए ढंक दी जाती हैं. हर मस्जिद के बाहर पुलिसकर्मियों का कड़ा पहरा रहता है जिससे कोई अवांछित ऐसी हरकत न करने पाए जिससे सामाजिक सौहार्द खराब हो.
दरअसल, शाहजहांपुर शहर में लाट साहब के दो जुलूस निकलते हैं. इनमें एक शख्स को लाट साहब बनाकर भैंसा गाड़ी पर बैठाया जाता है और फिर उसे जूते और झाड़ू मार कर पूरे शहर में घुमाया जाता है. इस दौरान आम लोग लाट साहब को जूते फेंक कर भी मारते हैं. इस जुलूस में भारी भीड़ होती है, हुड़दंग होता है. कई बार ऐसा हुआ है जब मस्जिद में लोगों ने रंग डाल दिया और विवाद की स्थिति पैदा हो गई. इसके बाद जुलूस के रास्ते में पड़ने वाली 40 मस्जिदें पूरी तरीके से ढंक दी जाती हैं.
अंग्रेज का प्रतीक है लाट साहब
बता दें कि अंग्रेजों के प्रति अपना आक्रोश प्रकट करने के लिए यहां एक व्यक्ति को अंग्रेज का प्रतीक लाट साहब बनाकर उसे भैंसा गाड़ी पर बैठाया जाता है और फिर जूतों और झाड़ू से पीटा जाता है. सांप्रदायिक सौहार्द न खराब हो, इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से हर थाने पर पीस मीटिंग की जाती है. आपसी सहमति के बाद मस्जिदों को पूरी तरीके से ढंक दिया जाता है.
दशकों पुरानी है परंपरा
शाहजहांपुर में जूते मार होली खेलने की परंपरा दशकों पुरानी है. पुलिस अधीक्षक आनंद का कहना है कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पैरा मिलिट्री फोर्सेज, पीएसी और कई जिलों की पुलिस फोर्स बुलाई गई है. जो मस्जिदों और पूरे शहर की सुरक्षा करेगी साथ ही ड्रोन के जरिये भी जुलूस पर नजर रखी जाएगी.
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