अयोध्या. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सामने अयोध्या के विकास को लेकर दो हफ्ते पहले एक भव्य योजना पेश की गई थी. न्यूज18 को मिले कागजातों में पता चलता है कि इसमें AMRUT और SMART शहर के आधुनिक पहलुओं और ऐतिहासिक मिश्रण के साथ अयोध्या की महिमा की दोबारा स्थापित करने की कल्पना की गई है. ऐसा शहर, जो टिकाऊ, आधुनिक और प्रकृति के नियमों का पालन करेगा. इस दौरान शहर के कई घाटों, झीलों समेत कई स्थलों का विकास किया जाएगा. पीएम मोदी के सामने रखे गए इस प्लान में पीपीपी मोड में 'रामायण आध्यात्मिक वन' शामिल है, जिसके जरिए भगवान राम के 14 साल के वनवास की कहानियों को दिखाया जाएगा. साथ ही आयोध्या के आसपास 65 किलोमीटर लंबे रिंग रोड और दिल्ली के चाणक्यपुरी की तर्ज पर 1200 एकड़ में राज्य और विदेशी भवनों के साथ एक वैदिक टाउनशिप जैसी बड़ी योजनाओं का भी जिक्र है. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दी गई प्रेजेंटेशन के अनुसार, 'अयोध्या को सनातन परंपराओं के हिसाब से विश्व मंच पर प्रमुख आध्यात्मिक, धार्मिक और पर्यटक शहर बनाने का सपना है. एक आत्मनिर्भर आधुनिक पर्यटन स्थल, जो प्रदूषण से मुक्त हो, गंदगी ना हो और स्वस्थ मिट्टी, पानी हवा के साथ जल से भरपूर हो.' सरकार की तरफ से पेश की गई इस प्रेजेंटेशन की थीम 'अतीत की भव्यता, वर्तमान की आवश्यकता और भविष्य की तैयारी थी.' इसमें अयोध्या की प्राकृतिक समृद्धि को सप्तपुरियों के प्रमुख के तौर पर स्थापित करने, 'दुनिया का पहला स्मार्ट वैदिक शहर' की बात पर जोर दिया गया था. ड्रीम प्रोजेक्ट्स
बड़े प्रोजेक्ट्स में 'मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा' और विश्व स्तरीय रेल्वे स्टेशन का विकास करना है, ताकि अयोध्या आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा को सुनिश्चित किया जा सके. प्रेजेंटेशन में कहा गया है कि अयोध्या पहुंचने वाली कई सड़कों को 4 और 6 लेन में बदला जाएगा और अयोध्या में एंट्री के 6 बड़े रास्तों पर राम मंदिर से प्रेरित बड़े दरवाजे यात्रियों का स्वागत करेंगे. NHAI भी 65 लंबी रिंग रोड की शुरुआत जल्द करेगा. 'रामायण आध्यात्मिक वन' का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के जरिए जमथारा में सरयू नदी के पास किया जाएगा. भविष्य में 'राम स्मृति वन' कहा जाने वाला यह स्थान पूरी तरह से पैदल चलने वाला क्षेत्र होगा, जहां भगवान राम, सीता और लक्षमण के 14 साल के वनवास की कहानियां दिखाई जाएंगी. साथ ही अयोध्या में 1200 एकड़ की एक वैदिक टाउनशिप आएगी, जिसमें अलग-अलग प्रदेशों और दुनियाभर से आने वाले लोगों के लिए आश्रम, पांच सितारा होटल, राज्य और विदेशी भवन शामिल होंगे. इस टाउनशिप में सौर ऊर्जा, बिजली से चलने वाले वाहन होंगे. इसमें एक राम मंदिर की गुंबद से प्रेरित बीच में एक ब्रह्म स्थान होगा. प्रेजेंटेशन में अयोध्या के चारों ओर 208 आध्यात्मिक स्थलों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के पंचकोषी मार्ग की भी बात कही गई थी. इसमें घाट, तालाब, मनोरंजन और विरासत स्थल शामिल होंगे. सरयू नदी में इस दिवाली से क्रूज की शुरुआत होगी. अयोध्या के अंदर 13 किमी की सड़कों का चौड़ीकरण होगा और रामायण युग के पेड़ों को सड़कों को दोनों ओर लगाया जाएगा. अयोध्या के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में ऑटोमैटिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम होगा और 6 मल्टी लेवल पार्किंग बनाई जाएंगी. प्रेजेंटेशन में बताए गए अन्य बड़े प्रोजेक्ट्स में धर्मशालाओं का जिक्र है, जिनमें 30 हजार तीर्थयात्री रह सकते हैं. इसके अलावा सरयू नदी के घाटों का विकास, केंद्रीय पर्यटन मंत्रायल की स्वदेश योजना के तहत गुप्तर घाट से जानकी घाट का सौंदर्यीकरण, शहर के 108 तालाबों और झीलों का पुनरुद्धार, नयाघाट पर बड़ा तीर्थयात्री स्थल और राम कथा संग्रहालय को विश्व स्तर का डिजिटल म्यूजियम में बदला जाएगा. सरकार की तरफ से दिए गए प्रजेंटेशन को लेकर कहा गया है कि सभी प्रोजेक्ट्स बहुत महत्वकांक्षी हैं, लेकिन 'जिस तरह से भगवान राम का नाम लेकर रामसेतु तैयार हुआ था, अयोध्या का विकास कार्य भी उसी तरह भगवान राम के आशीर्वाद से पूरा होगा.' इस पर पीएम मोदी ने कहा था कि आने वाली पाढ़ियां अपने जीवन काल में कम से कम एक बार अयोध्या आने की इच्छा महसूस करेंगी.
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