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रक्षा मंत्री ने कहा कि पैंगोंग लेक को लेकर चीन से समझौता हुआ , 48 घंटे में पीछे हटेंगे सेनाएं



रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में LAC विवाद पर कहा कि चीन के साथ फिलहाल बातचीत जारी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने चीन की हर हरकत का जवाब दिया है। सिंह ने राज्यसभा में बताया कि भारत ने चीन पर पीछे हटने का दवाब डाला है। रक्षा मंत्री ने कहा कि पैंगोंग लेक को लेकर चीन से समझौता हुआ है।

आपसी समझौते से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटेंगी। राजनाथ सिंह कहा कि भारत और चीन दोनों ने तय किया है कि जो निर्माण अभी तक किया गया उसे हटा दिया जाएगा। सिंह ने कहा कि चीन द्वारा पिछले साल भारी संख्या में गोला-बारूद इकट्ठा किया गया था और हमारी सेनाओं ने चीन के खिलाफ उपयुक्त जवाबी कार्रवाई की थी। सितंबर से दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ बातचीत की।

राजनाथ ने कहा कि LAC पर यथास्थिति करना ही हमारा लक्ष्य है। रक्षा मंत्री बोले कि चीन ने 1962 के वक्त से ही काफी हिस्से पर कब्जा किया है। रक्षा मंत्री ने राज्यसभा में बयान दिया कि हम अपनी एक इंच जगह भी किसी को नहीं लेने देंगे। राजनाथ ने ऐलान किया कि पेंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक को लेकर दोनों देशों में समझौता हुआ है और सेनाएं पीछे हटेंगी। चीन पैंगोंग के फिंगर 8 के बाद ही अपनी सेनाओं को रखेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन जवानों ने इस विवाद के बीच अपनी जान गंवाई है उन्हें देश हमेशा सलाम करेगा, पूरा सदन देश की संप्रभुता के मुद्दे पर एक साथ खड़ा है।


पीछे हटी चीनी सेना


चीन के रक्षा मंत्रालय ने यहां कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि दोनों पक्ष टैंक और बख्तरबंद वाहनों जैसी इकाइयों को पीछे हटाने की प्रक्रिया में हैं। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि टकराव वाले स्थलों से बख्तरबंद इकाइयों की वापसी जैसे विशिष्ट कदमों पर 24 जनवरी को 16 घंटे तक चली नौवें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता में गहन चर्चा हुई थी। पूर्वी लद्दाख में स्थिति से अवगत लोगों ने कहा कि दोनों पक्ष पिछले दौर की सैन्य वार्ता में संपूर्ण वापसी के लिए बनी सहमति के अनुरूप अपनी बख्तरबंद इकाइयों को वापस करने की प्रक्रिया में हैं और तस्वीर जल्द स्पष्ट होगी। इससे पहले, चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल वु कियान ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया।


बता दें कि पिछले साल जून में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद दोनों देशों की सेनाएं भारी-भरकम अस्त्र-शस्त्रों के साथ अत्यधिक ऊंचाई पर हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हो गई थीं। दोनों पक्षों ने बड़ी संख्या में टैंक और बख्तरबंद वाहनों की तैनाती कर दी थी। गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे, जबकि चीन ने अपने हताहत सैनिकों की संख्या का खुलासा अब तक नहीं किया है। अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार इस झड़प में चीन के 35 सैनिक हताहत हुए थे। बातचीत में भारतीय सेना ने बार-बार चीन से पैंगोंग झील के उत्तर में फिंगर-4 और फिंगर-8 इलाके से हटने को कहा। वहीं, चीन भारतीय सेना से झील के दक्षिणी किनारे की ऊंचाइयों से हटने को कहता रहा।

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