नई दिल्ली
भारत के दिग्गज उद्योगपति और टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी हैं। इस मामले में वह बिल एवं मेलिंडा गेट्स से भी आगे हैं। पिछले 100 सालों में दान करने के मामले में उनके जैसा कोई परोपकारी दुनिया में नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि जमशेदजी टाटा नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले कारोबारी समूह टाटा के संस्थापक थे। उनका जन्म 1839 में गुजरात के नवसारी में हुआ था। साल 1904 में ही उनका निधन हो गया था। उन्हें भारतीय उद्योग का जनक कहते हैं। उन्होंने मुख्यत: शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दान किया। उनके परोपकारी कार्यों की शुरुआत 1892 में ही हो गई थी, जब उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए JN Tata Endowment की स्थापना की। यह संस्था ही टाटा ट्रस्ट की बुनियाद बनी।
हुरुन रिपोर्ट और एडेलगिव फाउंडेशन द्वारा तैयार शीर्ष 50 दानदाताओं की सूची में भारत के दिग्गज उद्योगपति जमशेदजी टाटा एक सदी में 102 अरब अमेरिकी डॉलर (मौजूदा मूल्य के हिसाब से करीब 7.57 लाख करोड़ रुपये) दान देकर दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी के रूप में उभरे हैं।
परोपकार के मामले में जमशेदजी टाटा बिल गेट्स और उनकी पूर्व पत्नी मेलिंडा जैसे दूसरे लोगों से काफी आगे हैं, जिन्होंने 74.6 अरब डॉलर दान किए हैं.इसके अलावा इस सूची में निवेशक वॉरेन बफे (37.4 अरब डॉलर), जॉर्ज सोरोस (34.8 अरब डॉलर) और जॉन डी रॉकफेलर (26.8 अरब डॉलर) के नाम शामिल हैं।
हुरुन के अध्यक्ष और मुख्य शोधकर्ता रूपर्ट हुगवेर्फ ने बताया 'भले ही अमेरिकी और यूरोपीय लोग पिछली शताब्दी में परोपकार की सोच के लिहाज से हावी रहे हों, लेकिन भारत के टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी व्यक्ति हैं।'
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