फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए क्रैश कोर्स प्रोग्राम' का शुभारंभ करेंगे पीएम मोदी-Bharat24
- bharat 24
- Jun 18, 2021
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 18 जून 2021 को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार क्रैश कोर्स प्रोग्राम' का शुभारंभ करेंगे. इस शुभारंभ के साथ ही 26 राज्यों में फैले 111 प्रशिक्षण केन्द्रों में इस प्रोग्राम की शुरूआत हो जाएगी. क्रैश कोर्स के शुभारंभ के बाद प्रधानमंत्री का संबोधन होगा. इस अवसर पर केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री भी मौजूद रहेंगे.
इस प्रोग्राम का उद्देश्य देशभर में एक लाख से अधिक कोविड योद्धाओं को कौशल से लैस करना और उन्हें कुछ नया सिखाना है. कोविड योद्धाओं को होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस्ड केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट जैसे छह कार्यों से जुड़ी विशिष्ट भूमिकाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा.
इस प्रोग्राम को 276 करोड़ रूपए के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के केन्द्रीय घटक के तहत एक विशेष कार्यक्रम के रूप में तैयार किया गया है. यह प्रोग्राम स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रमशक्ति की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल गैर-चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार करेगा
वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए भी कोशिशें जारी
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक टीकाकरण में प्रगति के लिए केंद्र स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में राज्यों के साथ उच्च स्तरीय बैठक हुई और इस दौरान रेखांकित किया कि गया कि 82 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों (एचसीडब्ल्यू) को ही टीके की पहली खुराक दी गई है जबकि दूसरी खुराक के मामले में यह संख्या महज 56 प्रतिशत है. बयान के मुताबिक पंजाब, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, तमिलनाडु और असम सहित 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस समूह के टीकाकरण का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से कम है.
बयान में कहा गया कि अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों में 85 प्रतिशत को टीके की पहली खुराक दी गई लेकिन दूसरी खुराक केवल 47 प्रतिशत कर्मियों को ही दी गई है. इसके मुताबिक बिहार, हरियाणा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, तेलंगाना, कर्नाटक और पंजाब सहित कुल 19 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां पर अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को दूसरी खुराक देने का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से कम है.
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