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नेपाल में नए प्रधानमंत्री बनने से पहले ही देउवा को लगा झटका, माधव नेपाल ने छोड़ा साथ, बनाएंगे अल्पमत


नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज राष्ट्रपति विद्या भण्डारी के तरफ से नेपाली कांग्रेस के नेता शेर बहादुर देउवा को प्रधानमंत्री पद पर नियुक्ति किए जाने की तैयारी है. देउवा पक्ष का दावा है कि आज शाम ही देउवा छोटे आकार के मंत्रिमंडल के साथ शपथ ग्रहण करने वाले हैं. कोर्ट के फैसले ने के पी ओली का बहिर्गमन तो तय कर दिया है लेकिन देउवा को जिन सांसदों के बहुमत के आधार प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश जारी किया था अब वह आधार ही नहीं रहा. विपक्षी गठबन्धन के तरफ से देउवा को प्रधानमंत्री बनाने के लिए ओली की पार्टी के 23 सांसदों ने भी समर्थन किया था, लेकिन कल अदालत के फैसले के साथ ही उन 23 सांसदों का नेतृत्व कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने विपक्षी गठबन्धन छोडने की घोषणा कर दी है. अदालत के फैसले के बाद हुए विपक्षी गठबन्धन की बैठक में जहां एक ओर नए सरकार के स्वरूप मंत्रालय का बंटवारे की बात चल रही थी उसी समय बैठक में मौजूद माधव नेपाल ने विपक्षी गठबन्धन छोडने, देउवा को समर्थन नहीं कर पाने नई सरकार में शामिल नहीं होने की घोषणा कर सबको चौंका दिया. सुप्रीम कोर्ट ने देउवा के पक्ष में 149 सांसदों का समर्थन होने के आधार पर प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश दिया था लेकिन 28 सांसदों का नेतृत्व कर रहे माधव नेपाल के द्वारा गठबन्धन छोड़ने के कारण अब देउवा के पास सिर्फ 121 सांसदों का समर्थन रह गया है. जबकि बहुमत साबित करने के लिए 136 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है. कौन हैं शेर बहादुर देउवा? शेर बहादुर देउवा काफी लंबे वक्त से नेपाल की राजनीति में सक्रिय हैं वो पहले भी नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं फिलहाल वो नेपाल कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. वो 3 जून 2004 से लेकर 1 फरवरी 2005 के बीच भी नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. उनका जन्म 13 जून 1946 को नेपाल के आशीग्राम, दादेलधुरा जिला में हुआ था उन्होंने लंदन से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की हुई है. शेर बहादुर देउवा नेपाल के कई बार प्रदानमंत्री रह चुके हैं इससे पहले वो 1995 से 1997 तक, फिर 2001 से 2002 तक, 2004 से 2005 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. 10 साल जेल में गुजारे इसके अलावा, काठमांडू पोस्ट के अनुसार, देउबा 10 साल जेल में भी गुजार चुके हैं. वो राजनीतिक कारणों से 1996 से 2005 के बीच अलग-अलग समय पर जेल जा चुके हैं. कथित तौर पर, 2005 में, नेपाल के राजा ज्ञानेंद्र शाह ने अक्षमता का हवाला देते हुए उन्हें अपने पीएम पद से हटा दिया था. बता दें कि शेर बहादुर देउबा का विवाह डॉ अजरू राणा देउबा से हुआ है, जो नेपाली कांग्रेस पार्टी की सक्रिय सदस्य हैं. द काठमांडू पोस्ट के अनुसार, दंपति का एक बेटा भी है.

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