भारत चीन (India China) के बीच कई महीनों से बिगड़े हालातों में सुधार के आसार दूर तक नजर नहीं आ रहे. इसकी बड़ी वजह चीन की चालपट्टी भड़काऊ रवैया है. चालबाज चीन (China) बार बार सरहद पर आक्रामक रवैया अपनाता आ रहा है. उसने एक बार फिर अपने इसी रवैये को दोहराया है. चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को देमचुक में सिंधु नदी के पास बैनर चीनी झंडे लहराते देखा गया है. बताया जाता है कि यह घटना 6 जुलाई है, जब देमचुक (Demchok) में स्थानीय लोग बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai lama) का जन्मदिन मना रहे थे. मालूम हो कि 6 जुलाई को तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने अपना जन्मदिन मनाया. आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दलाई लामा के बर्थडे को लोग देमचुक भी सेलिब्रेट कर रहे थे, जो चीन को बिल्कुल भी पसंद नहीं है. बताया जाता है कि इसी दौरान देमचुक में सिंधु नदी के पास कई गाड़ियां पहुंचीं, जिनमें पीएलए के जवान थे. ये चीनी सैनिक एक से डेढ़ घंटे तक इस इलाके में रहे थे, जहां उन्होंने सिंधु नदी के पास बैनर चीनी झंडे लहराने का काम किया. चीनी सैनिकों के साथ में कुछ नागरिक भी मौजूद थे. गौरतलब है कि तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा फिलहाल भारत में रहते हैं उनको चीन अलगाववादी मानता है. दलाई लामा के मसले पर चीन अक्सर भारत का विरोध करता है. हाल ही में दलाई लामा ने अपना 86वां जन्मदिन मनाया था, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनको फोन करके बधाई दी थी. साथ ही पीएम मोदी ने ट्वीट भी किया था. जिसे चीन को लेकर एक कड़ा संदेश माना गया. कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षक कहते हैं कि दलाई लामा को बधाई देने के संबंध में प्रधानमंत्री द्वारा नई दिल्ली से सार्वजनिक घोषणा करना एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बदलाव था, क्योंकि पहले के अवसरों पर सरकार चीन को परेशान करने से बचने के लिए इस तरह के इशारों से बचती थी.
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