देश में कोरोना मरीजों के लिए प्लाज्मा थेरेपी पर लगी रोक, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन
- bharat 24
- May 18, 2021
- 2 min read
देश में जारी कोरोना वायरस संकट के बीच इलाज के दौरान संक्रमित मरीजों को दी जाने वाली प्लाज्मा थेरेपी पर रोक लगा दी गई है। आईसीएमआर और एम्स ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। मालूम हो कि पिछले साल से ही प्लाज्मा थेरेपी मरीजों को दी जा रही थी। अप्रैल महीने में शुरू हुई दूसरी लहर के दौरान इसकी मांग काफी ज्यादा बढ़ गई थी। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स लगातार प्लाज्मा थेरेपी के असरदार नहीं होने की बात कहते आ रहे थे।
आईसीएमआर ने प्लाज्मा थेरेपी को हटाने के फैसले की जानकारी देते हुए कहा, ''कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया गया है।'' आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस में कोविड मरीजों के इलाज को तीन भागों में बांटा गया है।
इसमें हल्के लक्षण वाले मरीज, मध्यम लक्षण वाले और गंभीर लक्षण वाले मरीज शामिल हैं। हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया गया है, जबकि मध्यम और गंभीर संक्रमण वाले मरीजों को क्रमश: कोविड वॉर्ड में भर्ती और आईसीयू में भर्ती करने के लिए कहा गया है।
उधर, देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना मामलों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
पिछले 27 दिनों के बाद सबसे कम 2,81,386 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,49,65,463 हो गई है। संक्रमण से 4,106 लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 2,74,390 हो गई है। देश में अभी 35,16,997 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 14.09 प्रतिशत है।
पिछले दिनों हुई कोविड-19 संबंधी आईसीएमआर-नेशनल टास्क फोर्स की बैठक में सभी सदस्य इस पक्ष में थे कि कोविड-19 के वयस्क मरीजों के उपचार प्रबंधन संबंधी चिकित्सीय दिशा-निर्देशों से प्लाज्मा पद्धति के इस्तेमाल को हटाया जाना चाहिए क्योंकि यह प्रभावी नहीं है और कई मामलों में इसका गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है। अभी तक की गाइडलाइनलक्षणों की शुरुआत होने के सात दिन के भीतर बीमारी के मध्यम स्तर के शुरुआती चरण में और जरूरतें पूरा करनेवाला प्लाज्मा दाता मौजूद होने की स्थिति में प्लाज्मा पद्धति के इस्तेमाल की अनुमति थी।
प्लाज्मा थेरेपी को गाइडलाइन से हटाने संबंधी विमर्श ऐसे समय हुआ है जब कुछ डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजयराघवन को पत्र लिखकर देश में कोविड-19 के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के अतार्किक और गैर-वैज्ञानिक उपयोग को लेकर आगाह किया था। पत्र आईसीएमआर प्रमुख बलराम भार्गव और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को भी भेजा गया था। इसमें जनस्वास्थ्य से जुड़े पेशेवरों ने कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी पर मौजूदा दिशा-निर्देश मौजूदा साक्ष्यों पर आधारित नहीं हैं।
Σχόλια