top of page

जम्मू में आज फिर देखे गए 2 ड्रोन, हमले से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक और रणनीति बनाने में जुटी सरकार


जम्मू: सीमा पार से घूसपैठ की गतिविधियां अभी भी जारी है. जम्मू कश्मीर के जम्मू जिले में आज सुबह एक बार फिर दो ड्रोन देखने का दावा किया गया है. सेना के सूत्रों ने कहा है कि एक ड्रोन सुबह 4 बजकर 40 मिनट पर कालूचक इलाके में दिखा तो वहीं दूसरा ड्रोन 4 बजकर 52 मिनट पर कुंजवानी में दिखा. बड़ी बात यह है कि ये दोनों इलाके एयरफोर्स स्टेशन के 7 से10 किलोमीटर के दायरे में आते हैं. सूत्रों ने बताया है कि दोनों ड्रोन 800 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे थे. एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के बाद से लगातार देखे जा रहे हैं ड्रोन कहा जा रहा है कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के बाद से लगातार ड्रोन देखे जा रहे हैं, जो सुरक्षा बलों के लिए चिंता की बात है. इतना ही नहीं जो भी ड्रोन स्पॉट हो रहे हैं, वह यहां मिलिट्री बेस और मिलिट्री स्टेशन के पास हो रहे हैं. मिलिट्री स्टेशन के आसपास ड्रोन देखे जाने की यह तीसरी घटना बता दें कि बीते तीन दिनों में जम्मू कश्मीर में मिलिट्री स्टेशन के आसपास ड्रोन देखे जाने की यह तीसरी घटना है. 29 जून को सुंजवान मिलिट्री ब्रिगेड में भी रात 3.00 से 3.30 के बीच इस ड्रोन को देखा गया था. इससे पहले सोमवार को कालूचक मिलट्री स्टेशन पर भी ड्रोन नजर आए थे. इन ड्रोन पर सुरक्षाबलों ने फायरिंग की थी, जिसके बाद यह अंधेरे में वापस लौट गए थे. पाकिस्तान की साजिश जारी गौरतलब है कि घाटी में सक्रिय आतंकियों को पाकिस्तान की आर्मी और आईएसआई ही ट्रेनिंग देती आई है. वो किसी भी सूरत में ये नहीं चाहती कि कश्मीर में फिर से अमन-चैन बहाल हो और वहां विधानसभा चुनाव कराने लायक माहौल बन पाये. रक्षा विशेषज्ञों व खुफिया सूत्रों की मानें तो सरकार के साथ कश्मीरी नेताओं की बातचीत की प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए पाकिस्तान इसी तरह के और हमलों को अंजाम देने की कोशिश आगे भी करता रहेगा. आधुनिक तकनीक और रणनीति बनाने में जुटी सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना के बाद एक उच्चस्तरीय बैठक बुलायी जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई प्रमुख मंत्रियों को शामिल किया.

प्रधानमंत्री द्वारा बुलायी गयी उच्चस्तरीय बैठक में हवाई प्रबंधन, ड्रोन का उपयोग , भविष्य के डिलीवरी सिस्टम के तौर पर ड्रोन की उपयोगिता, उड़ान भरने की अनुमति और इससे जुड़े सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा की गयी.

इस नयी नीति को लेकर सेना के तीनों प्रमुख अंगों से भी राय ली जा रही है. रक्षा मंत्रालय और सेना की तीनों सेवाएं ड्रोन की नीति पर ठोस रणनीति बनाने में सरकार की मदद करेगी. पीटीआई ने बताया कि तीनों सेनाओं को ड्रोन हमले जैसी नये दौर की चुनौतियों का सामना करने पर पर्याप्त रूप से ध्यान के लिए कहा गया है. साथ ही इस तरह के हमलों को रोकने के लिए जरूरी उपकरणों खरीदने के लिए भी कहा गया है.

इस नयी रणनीति को लेकर बैठकों का दौर शुरू हुआ है. अभी कई दौर की बैठक होगी खबर यह भी है कि तीनों सेनाओं के प्रमुख भी आपस में बैठकर सुरक्षा को लेकर नीति तैयार करेंगे. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने पहले ही बताया है कि काउंटर ड्रोन टेक्नोलॉजी हमारे पास है, जो सशस्त्र बलों को छोटे UAS का पता लगाने और उन्हें खत्म करने में मदद कर सकती है.

Comments


SHINOVATE OPC PVT. LTD.

  • Facebook
  • YouTube
  • Twitter

©2020 by Bharat 24. Proudly created with Wix.com

bottom of page