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गृह मंत्रालय ने राज्यों को जारी किया आदेश, 'धारा 66A के तहत ना हो किसी के खिलाफ कार्रवाई'

नई दिल्ली, 15 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) 2000 की निरस्त धारा 66ए को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। अपने आदेश में गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य अपने अधिकार क्षेत्र के सभी पुलिस स्टेशनों को निर्देश जारी कर कहें कि धारा 66ए के तहत किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज ना किया जाए। इसके साथ ही राज्यों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वो कानून लागू करने वाले एजेंसियों से आईटी एक्ट की धारा 66ए पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर संवेदनशीलता बरतने के लिए कहें। आपको बता दें कि यह मामला उस वक्त सामने आया, जब हाल ही में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा कि आईटी एक्ट की धारा 66ए के निरस्त होने के सात साल बाद भी, मार्च 2021 तक 11 राज्यों में जिला अदालतों के पास कुल 745 मुकदमे या तो लंबित हैं या चल रहे हैं। याचिका में कहा गया कि इन सभी मामलों में आरोपी लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट की निरस्त हो चुकी धारा 66ए के तहत कार्रवाई चल रही है।

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