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गुजरात: मुस्लिम युवक ने पहचान छिपा लड़की से की शादी, लव जिहाद कानून के तहत पहली गिरफ्तारी




गुजरात में 15 जून को 'गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021' लागू हो चुका है जिसके तहत आरोपी को सात साल तक की सजा हो सकती है. इस कानून को लव जिहाद को रोकने के लिए लाया गया है. अब इस कानून के लागू होने के तीन दिन बाद ही गुजरात में पहली गिरफ्तारी भी हो गई है. वडोदरा में इस कानून के तहत पहला केस दर्ज कर लिया गया है.


बताया गया है कि एक मुस्लिम युवक ने खुद को ईसाई बता लड़की से शादी की और बाद में युवती को भी इस्लाम कबूल करने को मजबूर किया. इसी वजह से उस युवक पर 'गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021' के तहत केस दर्ज किया गया और उसकी गिरफ्तारी भी हो गई.


केस की बात करें तो 25 वर्षीय समीर अब्दुलभाई कुरैशी ने खुद को सोशल मीडिया पर सैम मार्टिन बताया था. उसने अपनी नकली पहचान के जरिए लड़की को प्यार में फंसाया. थोड़ी जान पहचान के बाद लड़की को होटल भी ले जाया गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म हुआ. लड़की ने आरोप लगाया है कि उस लड़के ने उसे ब्लैकमेल किया, उसकी तस्वीरें भी क्लिक की.


नकली पहचान, धर्म परिवर्तन का दवाब


अब ये मामला यहीं नहीं रुका. युवती के मुताबिक वो दो बार गर्भवती भी हुई और उसे अपना गर्भपात करवाना पड़ा. इसके बाद 2020 में उस मुस्लिम युवक ने लड़की पर शादी करने का दवाब बनाया और फिर फरवरी 2021 में शादी कर ली.


फिर उस युवक ने लड़की पर धर्म परिवर्तन करने का भी दवाब बनाया. जोर दिया गया कि वो इस्लाम कबूल कर ले और अपना नाम भी बदल ले. अब युवती ने ऐसा करने से मना कर दिया और सीधे गोत्री पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई.


युवती की शिकायत के आधार पर युवक पर रेप, एट्रोसिटी एक्ट और धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के तहत शिकायत केस दर्ज किया गया. इस बारे में डीसीपी जयराजसिंह वाला ने कहा है कि युवती को ईसाई धर्म छोड़कर इस्लाम स्वीकार करने को कहा जा रहा था. युवक के खिलाफ केस दाखिल किया है और उसकी धरपकड़ की है. अब ये गुजरात का पहला केस है जिसमें 'गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021' के तहत कार्रवाई की गई है.


कानून में क्या बताया गया?


अब ये कानून वैसे तो गुजरात विधानसभा में 1 अप्रैल को ही पारित हो गया था. इसके बाद राज्यपाल की भी मंजूरी मिल गई थी. अब 15 जून को ये सख्त कानून गुजरात में लागू हो गया है जिसके तहत तीन से पांच साल की सजा का प्रावधान हो गया. वहीं अगर पीड़ित एसटी, एससी समुदाय से है, तो ये सजा 7 साल तक की हो सकती है. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में तो पहले ही लव जिहाद को लेकर कड़े कानून आ चुके हैं, अब गुजरात में भी पहला केस दर्ज हो गया है.

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