गुजरात पुलिस ने कोचिंग सेंटर पर मारा छापा, बिना मास्क पहने मिले 555 विद्यार्थी, मालिक गिरफ्तार
- bharat 24
- May 25, 2021
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कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप से पूरा देश जूझ रहा है। सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए कई राज्यों में लॉकडाऩ लगाया है और कोरोना दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कहा है। लेकिन कुछ लोग इसकी गंभीरता को नही समझ रहे हैं और लगातार कोरोना गाइडलाइन्स का उल्लंघन किए जा रहे हैं। गुजरात में ही लापरवाही का एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां प्रतिबंधों के बावजूद एक कोचिंग सेंटर में 550 से ज्यादा बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। किसी ने न मास्क पहना था और न किसी के बीच सोशल डिस्टेंसिंग थी।
पुलिस ने सोमवार को कहा कि गुजरात के राजकोट जिले के जसदान शहर में एक कोचिंग सेंटर के मालिक को कथित तौर पर कोरोना मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। जब पुलिस ने छापेमारी के दौरान उसके परिसर में 550 से अधिक छात्रों को पाया था। राजकोट के पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा ने कहा कि यहां से करीब 215 किलोमीटर दूर स्थित केंद्र पर रविवार को छापेमारी की गई और इसके मालिक की पहचान 39 वर्षीय जयसुख सांखलवा के रूप में हुई।
उन्होंने कहा, "आरोपी को आईपीसी और महामारी रोग अधिनियम के प्रावधानों के तहत कोविड -19 मानदंडों पर पुलिस अधिसूचना की अवहेलना करने के साथ-साथ लापरवाही से काम करने के लिए गिरफ्तार किया गया। जिससे संक्रमण फैल सकता है। बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया है।" पुलिस के अनुसार, संखलवा जवाहर नवोदय विद्यालय और बालाचडी सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को पढ़ाने के लिए एक कोचिंग सेंटर-हॉस्टल चलाता है।
पुलिस ने बताया, "एक गुप्त सूचना के आधार पर, हमने परिसर में छापा मारा और 9-10 वर्ष की आयु के 555 छात्रों को ट्यूशन लेते हुए पाया। इन बच्चों ने न तो मास्क पहना था और न ही सामाजिक दूरी बनाए रखी जा रही थी।
कोविड -19 के प्रकोप के कारण राज्य सरकार ने क्लासेज लेने और बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है, इसके बावजूद कोचिंग सेंटर काम कर रहा था। गिरफ्तारी से पहले संखलवा ने संवाददाताओं से कहा कि छात्र 15 मई से माता-पिता की सहमति से उसके हॉस्टल में रह रहे हैं।
उसने दावा किया, "उनमें से ज्यादातर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले हैं, जो स्थगित हो गई। इन बच्चों के माता-पिता ने मुझे उन्हें घर भेजने के बजाय हॉस्टल में रखने के लिए कहा था।
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