top of page
Writer's picturebharat 24

कोरोना मरीज में आ रहे हैं ब्लड क्लोटिंग की दिक्कत, वैज्ञानिकों ने दुनिया भर को किया अलर्ट



दुनियाभर में कोरोना (Corona) का संक्रमण फैले एक साल से ज्‍यादा हो चुका है. कोरोना को लेकर अभी भी वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को लेकर आए दिन नई नई जानकारी सामने आती हैं. न्यू जर्सी के रटगर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं (Researcher) ने अपने शोध में एक ऐसी जानकारी हासिल की है, जो दुनियाभर के देशों को परेशान कर सकती है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोरोना की वजह से मरीज के हाथ में खतरनाक ब्लड क्लॉटिंग (Blood Clotting) हो गई है.


शोध में बताया गया है कि कोरोना की वजह से होने वाला इंफ्लेमेशन शरीर को किस तरह नुकसान पहुंचा रहा है. साथ ही बार-बार होने वाले ब्लड क्लॉटिंग का इलाज किस तरह किया जा सकता है. अभी तक मरीजों में शरीर के निचले हिस्‍से में ही ब्‍लड क्‍लॉटिंग की शिकायत मिली थी.


कोरोना के नए शोध में जिस तरह से मरीज के बाजहू में ब्‍लड क्‍लॉटिंग की जानकारी सामने आई है वह परेशान करने वाली है.


Viruses पत्रिका में छपी इस स्टडी के अनुसार, ब्‍लड क्‍लॉटिंग का ये मामला एक 85 साल के बुजुर्ग में देखने को मिला है. शोधकर्ता पायल पारिख के मुताबिक, मरीज को काफी दिनों से बाजू में सूजन की दिक्‍कत दिखाई दे रही थी. इसके बाद वह डॉक्‍टर के पास पहुंचे जिसके बाद उसे जांच के लिए अस्पताल भेज दिया गया. जांच में मरीज के हाथ के ऊपरी हिस्से में ब्लड क्लॉट पाया गया.


यहां पर डॉक्‍टर इस लिए भी हैरान दिखाई दिए क्‍योंकि मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी लेकिन उसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे. शोध में बताया गया कि मरीज का ऑक्‍सीजन लेवल कम नहीं हुआ था लेकिन हाथ में हुई ब्लड क्लॉटिंग की वजह से उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. डॉक्टर पारिख ने कहा, ये इस लिए भी चिंता का विषय है क्‍योंकि 30 फीसद मरीजों में ब्लड क्लॉट फेफड़ों तक पहुंच जाता है जो खतरनाक हो सकता है. इसकी वजह से सूजन, दर्द और थकान भी बनी रह सकती है.

7 views0 comments

Comments


bottom of page