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इजरायल की मदद से देश के तिरुचिरापल्ली ऑर्डिनेन्स फैक्टरी में निर्मित 25 मशीनगनें रक्षा बलों को सौंपी


तिरुचिरापल्ली : तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली ऑर्डिनेन्स फैक्टरी ने रक्षा बलों को 12.7 मिमी की भारी मशीनगन शनिवार को सौंपी. इनमें से 15 मशीन गन भारतीय नौसेना और शेष सभी 10 मशीन गन भारतीय तटरक्षक बल को सौंपे जायेंगे. मालूम हो कि तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली ऑर्डिनेन्स फैक्टरी में इजरायल से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बाद इनका निर्माण किया गया है. समुद्री अनुप्रयोगों में उपयोग की जानेवाली इन मशीन गनों को दूर से नियंत्रित और संचालित किया जा सकता है. तिरुचिरापल्ली के ऑर्डिनेन्स फैक्टरी में देश की तीनों सेनाओं के लिए बंदूकें बनायी जाती हैं. आत्मनिर्भर भारत परियोजना के तहत रिमोट कंट्रोल की नवीनतम तकनीक के साथ एसओसीजी कार्गो बंदूक का निर्माण किया गया है समुद्री अनुप्रयोगों में उपयोग की जानेवाली इन मशीन गनों को दूर से नियंत्रित और संचालित किया जा सकता है. तिरुचिरापल्ली के ऑर्डिनेन्स फैक्टरी में देश की तीनों सेनाओं के लिए बंदूकें बनायी जाती हैं. आत्मनिर्भर भारत परियोजना के तहत रिमोट कंट्रोल की नवीनतम तकनीक के साथ एसओसीजी कार्गो बंदूक का निर्माण किया गया है. नवीनतम तकनीक से लैस 12.7 मिमी के मशीनगन का उपयोग भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल और जहाजों में आसानी से किया जा सकता है. इनमें ऐसे उपकरण शामिल किये गये हैं., जो दिन और रात में लक्ष्यों का सटीक पता लगा कर हमला करते हैं. मशीनगन को छोटी और बड़ी दोनों प्रकार की नावों से उपयोग में लाया जा सकता है. साथ ही इसका उपयोग स्वचालित और मैन्युअल दोनों रूप से किया जा सकता है. मालूम हो कि इजरायल की मदद से भारत में निर्मित किये जाने से खरीद पर खर्च होनेवाली राशि की बचत होगी.

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