इंडियन एयरफोर्स, नेवी और US नेवी ने हिंद महासागर में मिलकर दिखाई अपनी ताकत, युद्धाभ्यास का आज आखिरी
- bharat 24
- Jun 24, 2021
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इंडियन एयरफोर्स, इंडियन नेवी और यूस नेवी बुधवार से हिंद महासागर में सामरिक महत्व की एक बड़ी एक्सरसाइज कर रही है. पहले दिन इंडियन एयरफोर्स, इंडियन नेवी और यूस नेवी रोनाल्ड रीगन सीएसजी ने साथ मिलकर युद्धाभ्यास किया. इस दौरान तीनों ने अपनी-अपनी ताकत दिखाई. इंडियन एयरफोर्स ने इसका वीडियो भी जारी किया है, जहां तीनों साथ मिलकर युद्धाभ्यास करते नजर आ रहे हैं.
इंडियन नेवी के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि इस दो दिवसीय अभ्यास का लक्ष्य द्विपक्षीय संबंध और सहयोग को और मजबूत बनाना है. इस युद्धाभ्यास में इंडियन एयरफोर्स का जगुआर लड़ाकू विमान, सुखोई -30 MKI, फाल्कन AWACS (एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) विमान, नेत्रा AEW&C (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल) एयरक्राफ्ट और IL-78 मिड के साथ अभ्यास में भाग ले रहा है.
युद्धाभ्यास अमेरिका के साथ 'स्ट्रैटेजिक आउटरीच एक्सरसाइज' का हिस्सा
वहीं भारतीय युद्धपोत INS कोच्चि और तेग के साथ-साथ P-8I पनडुब्बी शिकारी विमान और मिग-29के विमान भी अभ्यास में भाग ले रहे हैं. वहीं अमेरिकी नौसेना की तरफ से 'रोनाल्ड रीगन' कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (Carrier Strike Group-CSG) हिस्सा ले रहा है. ये युद्धाभ्यास अमेरिका के साथ 'स्ट्रैटेजिक आउटरीच एक्सरसाइज' का हिस्सा है. पिछले कुछ समय से अमेरिकी नौसेना का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप जब भी हिंद महासागर से होकर गुजरता है तो भारतीय नौसेना के साथ अभ्यास जरूर करता है.
भारतीय वायुसेना के मुताबिक, अमेरिकी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप में एयरक्राफ्ट कैरियर USS रोनाल्ड रीगन, मिसाइल विध्वंसक USS हैलसे और गाइडेड मिसाइल क्रूजर USS सिलो हिस्सा ले रहे हैं. दो दिवसीय इस युद्धाभ्यास का मकसद समुद्री अभियानों में व्यापक रूप से क्षमता का प्रदर्शन करके द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को मजबूत करना है. अभ्यास में भाग लेने वाली सेनाएं अपने युद्ध संबंधी स्किल को निखारने और समुद्री क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगी. इस अभ्यास में क्रॉस डेक हेलीकॉप्टर ऑपरेशंस और एंटी सबमरीन ऑपरेशन को भी अंजाम दिया जाएगा.
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