नेपाल में जारी अस्थिर राजनीतिक संकट के बीच नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश जारी किया है। नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि शेर बहादुर देउबा को दो दिनों के भीतर प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाए।
राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने कुछ दिन पहले संसद को भंग कर दिया था। राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद नेपाल में महीनों से चल रहा राजनीतिक गतिरोध समाप्त हो जाएगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने पांच महीने में दो बार संसद के निचले सदन को भंग कर दिया था।
संसद भंग करने के बाद 12 व 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की गई थी।
चुनाव को लेकर और राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ नेपाली सुप्रीम कोर्ट में 30 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। बता दें कि 275 सदस्यीय सदन में विश्वास मत के दौरान हारने के बाद भी ओली अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद उनके हाथ से कमान ले ली जाएगी।
राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन की ओर से भी याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में कहा गया था कि राष्ट्रपति की ओर से संसद के निचले सदन भंग करने के आदेश को रद्द किया जाए और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाए। विपक्षियों की ओर से दाखिल याचिका में 146 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे।
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