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ISRO कर रहा 2 रॉकेट Launch करने की तैयारी, अगस्त में GSLV और सितंबर में PSLV होगा लॉन्‍च


चेन्‍नई: देश की स्‍पेस एजेंसी इसरो जल्‍द ही 2 प्रक्षेपण करने की तैयारी में है. सतीश धवन स्‍पेस सेंटर (SDSC) की वेबसाइट के अनुसार, जीएसएलवी का प्रक्षेपण अगस्त में और पीएसएलवी सितंबर में होना है, हालांकि इनकी तारीखों का ऐलान अभी नहीं किया गया है. GSLV रॉकेट अर्थ ऑब्‍जर्वेशन सैटेलाइट जीआईएसएटी -1 को लेकर जाएगा, जिसे धरती से 36 हजार किलोमीटर दूर जियोस्‍टेशनरी ऑर्बिट में रखा जाना है. यह कक्षा आम तौर पर संचार उपग्रहों के लिए होती है जिनके जरिए धरती के बड़े हिस्से को कवर किया जाता है. यह सैटेलाइट पृथ्‍वी (Earth) के अपनी धुरी पर घूमने के समय के साथ तालमेल बिठाएगा लेकिन धरती से देखने पर यह स्थिर नजर आएगा. कहा जा रहा है कि ऐसे 3 सैटेलाइट पूरी पृथ्‍वी को काफी हद कर कवर कर सकते हैं. ISRO के अनुसार, GISAT-1 का उद्देश्य क्षेत्र की थोड़े-थोड़े के अंतराल पर इमेज कैप्‍चर करना, प्राकृतिक आपदाओं की त्वरित निगरानी करना होगा. ​​इसके अलावा खेती, जंगल, खनिज विज्ञान, आपदाओं के लिए चेतावनी देने जैसे काम भी शामिल होंगे. GISAT-1 के प्रक्षेपण की तारीख को लेकर इसरो के डायरेक्‍ट डॉ.सिवन ने जी मीडिया से कहा कि अभी आधिकारिक तौर पर लॉन्चिंग की तारीख तय नहीं की गईं हैं लेकिन इसके लिए तैयारियां चल रही हैं. पीएसएलवी रॉकेट का प्रक्षेपण सितंबर में होना है. उम्‍मीद है कि यह अर्थ ऑर्ब्‍जेवेशन सैटेलाइट 4 को लेकर जाएगा. GSLV और PSLV का प्रक्षेपण इस साल का देश का दूसरा और तीसरा प्रक्षेपण होगा. इससे पहले फरवरी में एक पीएसएलवी के जरिए ब्राजीलियाई अर्थ ऑर्ब्‍जेवेशन सैटेलाइट अमेजोनिया -1 और 18 छोटे उपग्रहों को लॉन्च किया था. पिछले डेढ़ साल से देश में फैली कोविड महामारी के दौरान इसरो ने भी इससे लड़ाई लड़ने में खासा योगदान दिया है. इसरो ने अस्पतालों की मदद के लिए लिक्विड ऑक्सीजन (क्रायोजेनिक रॉकेट फ्यूल) के निर्माण में तेजी लाई. इसके अलावा स्वदेशी, कम लागत वाले मेडिकल वेंटिलेटर के विभिन्न मॉडल भी डिजाइन किए थे.

 
 
 

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