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Gujarat: जामनगर व सूरत में रिलायंस और ऑर्सेलर मित्तल बनाएंगे कोविड़ हॉस्पिटल



रिलायंस इंडस्ट्रीज जामनगर में और आर्सेलर मित्तल अपने सूरत हजीरा प्लांट पर ऑक्सीजन की सुविधा से युक्त एक-एक हजार बेड की क्षमता वाले कोविड हॉस्पिटल तैयार करेंगे। हजीरा में 250 बेड का हॉस्पिटल कार्य कर रहा है। जबकि, जामनगर में चार सौ बेड का हॉस्पिटल भी काम करने लगेगा।रिलायंस इंडस्टीज व आर्सेलर मित्तल गुजरात में एक-एक हजार बेड की क्षमता वाले स्पेशल कोविड हॉस्पिटल शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी से जामनगर में कोविड हॉस्पिटल की जरूरत बताई थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज जामनगर में रविवार तक चार सौ बेड का अस्पताल शुरू कर देगा, जबकि आगामी दिनों में उसे एक हजार बेड का बनाया जाएगा


इसके लिए डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ राज्य सरकार देगी।


आर्सेलर मित्तल ने भी सूरत के हजीरा स्टील प्लांट पर 250 बेड का कोविड हॉस्पिटल शुरू कर दिया है। अब इसकी क्षमता बढ़ाकर एक हजार बेड की कर दी जाएगी। आर्सेलर मित्तल का यह प्लांट 185 मैट्रिक टन ऑक्सीजन का उपादन कर रहा है, जिसे कोरोना के मरीजों के लिए राज्य सरकार को दिया जा रहा है। इस प्लांट में गैस आधारित ऑक्सीजन का उत्पादन होता है, जिसका परिवहन नहीं किया जा सकता। इसलिए, हजीरा प्लांट पर ही एक हजार बेड की क्षमता वाला हॉस्पिटल तैयार किया जा रहा है।


सिविल हॉस्पिटल में नॉन मेडिकल सेवाओं के लिए आरएसएस ने संभाला मोर्चा


गुजरात के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सिविल हॉस्पिटल में नॉन मेडिकल सेवाओं के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 180 कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाला है। अहमदाबाद महानगर के कार्यवाहक तेजस पटेल ने गद्दी लो सिविल हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ जेवी मोदी से चर्चा कर यह प्रस्ताव दिया था कि 30 वर्ष से कम उम्र के 180 स्वयंसेवक सिविल हॉस्पिटल में 24 घंटे नॉन मेडिकल कामकाज में मेडिकल स्टाफ की मदद करेंगे। करुणा के मरीजों के पंजीकरण, उनको वार्ड, जांच दवा तथा स्ट्रेचर आदि की सुविधाओं के साथ स्वयंसेवक मरीजों के परिजनों तथा कोरोना से मरने वालों के शवों को उनके परिजनों तक पहुंचाने का भी काम देखेंगे। 12 सौ बेड के सिविल हॉस्पिटल में हाल मेडिकल तथा नाॅन मेडिकल दोनों ही तरह के स्टाफ की कमी महसूस की जा रही है। इस बीच, आरएसएस के 180 स्वयंसेवक के यहां 24 घंटे सेवाएं देने के प्रस्ताव को अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत स्वीकार कर लिया। 60-60 स्वयंसेवक आठ-आठ घंटे की ड्यूटी तीन पारी में देंगे। आरएसएस कार्यकर्ता पहले भी भूकंप सुनामी प्राकृतिक आपदाओं बाढ़ तथा अन्य मानव जनित आपदा में अपनी सेवाएं देते रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान आरएसएस के कार्यकर्ताओं का सेवा कार्य के लिए आगे आना तथा स्पेशल कोविड-19 में सेवाएं देने की काफी सराहना हो रही है।

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