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Green Pass: भारत की सख्ती के बाद नरम पड़ा EU, कोविशील्ड लगवाने वालों को मिल सकती है ट्रैवल छूट


देश में कोरोना के मालमे कम होने लगे हैं, ऐसे में कई तरह की रियायतें मिलना शुरू हो गई हैं. दूसरे देश भी अब कोरोना काल में रियायतें देना शुरू कर चुके हैं. कई देश अब दूसरे देशों के लिए ट्रैवल पॉलिसी तैयार कर रहे हैं. ऐसा ही कुछ यूरोपीय संघ द्वारा किया गया है जब से उन्होंने EU डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट ( ग्रीन पास) का मुद्दा उठाया गया है. इस मुद्दे को लेकर भारत की यूरोपीय संघ संग तनातनी बढ़ गई है. भारत की यूरोपीय संघ को चेतावनी दरअसल EU द्वारा भारत की कोविशील्ड और कोवैक्सीन को स्वीकार नहीं किया गया है, इस वजह से जिन लोगों ने इस वैक्सीन को लगवाया है, उन्हें EU देशों में ट्रैवल करने में दिक्कत आ रही है. बताया गया है कि भारत की तरफ से अब दो टूक कह दिया गया है कि EU की तरफ से भारत की वैक्सीन को मंजूरी दी जाए और सभी भारतीय नागरिकों को बिना परेशानी देश में आने जाने की सुविधा रहे. ऐसा नहीं होने पर भारत भी EU देशों से आने वाले नागरिकों पर सख्ती कर सकता है. ऐसे नागरिकों के लिए 14 दिन के क्वारंटीन को भी अनिवार्य करने पर विचार किया जा रहा है. क्या नरम पड़ गया EU? अब इस तनातनी के बीच इंडिया टुडे/आजतक ने EU के अधिकारियों संग विस्तार से बातचीत की है. इस मुद्दे पर उनका पक्ष भी समझने का प्रयास किया है. उनकी तरफ से साफ कहा गया है कि काउंसिल के लोगों से बातचीत कर इस बारे में कोई फैसला लिया जा सकता है. सीधे-सीधे तो नहीं लेकिन कहा गया कि सलाह मशविरा कर कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को भी यूरोपीय संघ के देशों में एंट्री मिल सकती है. ग्रीन पास के लिए क्या शर्तें? बातचीत के दौरान यूरोपीय संघ की तरफ से EU डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट के बारे में भी काफी कुछ बताया गया है. कहा गया है कि यूरोपीय देशों में आने से पहले ये जरूरी नहीं है कि आप के पास EU डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट हो. इस सर्टिफिकेट के जरिए तो सिर्फ लोगों को राहत देने का प्रयास है जिससे वे बिना किसी परेशानी घूम सकें. वहीं अब ये भी साफ कर दिया गया है कि हर उस वैक्सीन को मंजूरी दी जाएगी जिसको WHO द्वारा पारित किया जा चुका हैं और जिन वैक्सीन ने WHO की इमरजेंसी प्रक्रिया को पूरा किया है. भारत का पक्ष कैसे मजबूत? इसी कड़ी में ये जानना जरूरी है कि भारत की कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर WHO की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है. कोविशील्ड द्वारा सफलतापूर्वक WHO की इमरजेंसी प्रक्रिया को पूरा किया जुका है. ऐसे में जिन भारतीय को कोविशील्ड का टीका लगा है, उन्हें यूरोपीय संघ के देशों में जानने की इजाजत मिल जानी चाहिए. अभी के लिए इसी मुद्दे पर विवाद है, लेकिन अब भारत की चेतावनी के बाद EU थोड़ा नरम होता दिख रहा है. अब वो काउंसिल के लोगों से बातचीत की बात कर रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में भारतीयों के हित वाला कोई फैसला देखने को मिल सकता है. वहीं इस बात पर भी जोर दिया गया है कि यूरोपीय संघ द्वारा किसी दूसरे देश के भी उस वैक्सीन सर्टिफिकेट को मंजूरी दे दी जाएगी जिसमें तमाम बेसिक जानकारी मौजूद रहेंगी. उदाहरण के लिए किस तारीख को वैक्सीन लगाई गई और कौन सी वैक्सीन लगी है. अगर इन सवालों का जवाब स्पष्ट रहता है और वैक्सीन भी WHO द्वारा पारित रहती है, तो ऐसे लोगों को भी यूरोपीय संघ के देशों में जाने का मौका मिल सकता है. वैसे शर्त ये भी है कि जो भी शख्स EU आना चाहता है, उन्हें दोनों टीका लगवाना जरूरी रहेगा. अभी के लिए भारत का तर्क यहीं है कि कोविशील्ड वैक्सीन ने WHO की इमरजेंसी प्रक्रिया को पूरा किया है, ऐसे में अब EU को भी भारत के हर उस नागरिक को उनके देश में जाने की इजाजत देनी चाहिए, जो नौकरी, पढ़ाई के लिए आना चाहते हैं

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