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G7 summit: G7 का हुआ समापन - चीन से निपटने ,वायरस की उत्पत्ति की जांच ,जाने किन मुद्दों पर बनी बात



ब्रिटेन (#Britain) के #कॉर्नवाल में आयोजित हुआ तीन दिवसीय जी7 शिखर सम्मलेन (#G7Summit) समाप्त हो चुका है. इस दौरान सात देशों के नेताओं ने गरीब देशों में वैक्सीनेशन, बड़ी कंपनियों का टैक्स भुगतान करना, टेक्नोलॉजी एवं धन के जरिए जलवायु परिवर्तन (#Climate Change) से निपटना जैसे मुद्दों पर सहमति व्यक्त की. एक संयुक्त बयान में जी7 देशों ने कोरोना महामारी से हुए नुकसान को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर जोर दिया.


दो साल में पहली बार प्रत्यक्ष तरीके से बैठक करते हुए नेताओं ने वैश्विक स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा, आधारभूत संरचना और शिक्षा के लिए मदद करने का भी वादा किया. इसके अलावा, जी-7 के नेता प्रदर्शित करना चाहते थे कि महामारी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अप्रत्याशित रवैये के कारण पड़े असर के बाद अंतरराष्ट्रीय सहयोग की फिर से शुरुआत हुई है.


ऐसे में आइए उन मुद्दों के बारे में जाना जाए जिन पर #जी7 में सहमति बनी.


एक अरब वैक्सीन डोज


जी7 देशों ने कोरोना से जूझ रहे देशों को एक अरब वैक्सीन डोज मुहैया कराने का निर्णय लिया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक अरब डोज मुहैया कराने की जानकारी दी और कहा कि उनके देश की हिस्सेदारी इसमें 10 करोड़ वैक्सीन डोज की होगी. कोवैक्स के जरिए इन वैक्सीन डोज को जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाएगा. बता दें कि दुनियाभर की 70 फीसदी आबादी को 2022 के मध्य तक वैक्सीनेट करने के लिए 11 अरब डोज की जरूरत है.


कोरोना के ऑरिजन की जांच


जी7 देशों ने चीन से आग्रह किया कि वह संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी #WHO के साथ कोरोना के ऑरिजन को लेकर एक पारदर्शी जांच में सहयोग करे. सात मुल्कों के संयुक्त बयान में कहा गया, चीन में विशेषज्ञों की रिपोर्ट की सिफारिश के मुताबिक, WHO के नेतृत्व में कोविड के ऑरिजन के दूसरे चरण की जांच हम समय पर पारदर्शी, विशेषज्ञों के नेतृत्व वाली और विज्ञान आधारित चाहते हैं.


जलवायु परिवर्तन पर तेज कार्रवाई


सम्मेलन के आखिरी दिन जी7 नेताओं की बातचीत के केंद्र में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा रहा. वैश्विक नेताओं ने पर्यावरण संकट से निपटने के लिए संयुक्त सहयोग को समर्थन दिया. बयान में कहा गया, हम 2030 तक दो दशकों में अपने सामूहिक उत्सर्जन को आधा करने, 2025 तक जलवायु वित्त को बढ़ाने एवं सुधारने और 2030 तक अपनी भूमि और महासागरों के कम से कम 30 प्रतिशत के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसके अलावा, गरीब देशों को उत्सर्जन कम करने में मदद के लिए 100 अरब डॉलर मुहैया कराने पर भी सहमति बनी.


बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर टैक्स


जी7 के देशों ने टैक्स से बचने का प्रयास कर रही बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर कम से कम 15 प्रतिशत वैश्विक टैक्स लगाने पर भी सहमति जतायी. अमेरिका ने न्यूनतम कर की पैरवी की और राष्ट्रपति जो बाइडेन (#JoeBiden) का मानना है कि एक साथ काम करते हुए यह सम्मेलन ज्यादा उचित वैश्विक अर्थव्यवस्था का समर्थन कर सकता है. 15 फीसदी वैश्विक टैक्स लगाने का प्रस्ताव अब अगले महीने इटली में होने वाली जी20 देशों की बैठक में जाएगा.


रूस और साइबर अटैक


धनी राष्ट्रों के इस समूह ने रूस से साइबर अटैक करने वालों और रैंसमवेयर का उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. साथ ही रूसी धरती पर रासायनिक हथियारों के उपयोग की जांच की मांग भी की गई. बयान में कहा गया, हम रूस से अपनी धरती पर रासायनिक हथियार के उपयोग की तत्काल जांच करने की मांग करते हैं. रैंसमवेयर के जरिए साइबर अटैक करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई.


चीन को दी गई चुनौती


समूह द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, चीन के संबंध में और प्रतिस्पर्धा के लिए हम वैश्विक अर्थव्यवस्था के निष्पक्ष और पारदर्शी व्यवस्था को कमजोर करने वाली बाजार विरोधी नीतियों और प्रथाओं को चुनौती देने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण पर परामर्श करना जारी रखेंगे. नेताओं ने कहा कि वे चीन से शिनजियांग और अर्द्ध स्वायत्त शहर हांगकांग में मानवाधिकारों और मौलिक आजादी का सम्मान करने के लिए कहेंगे. चीन पर आरोप है कि शिनजियांग में अल्पसंख्यक उइगुर के अधिकारों का वह हनन कर रहा है.

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