30 हजार डालर तक क्यों गिरे Bitcoin के दाम, Cryptocurrency के पैसे से Gold खरीदने लगे है लोग!
- bharat 24
- May 20, 2021
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बिटकॉइन (Bitcoin), इथीरियम (Ethereum) और डोजकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी के लिए बुधवार का दिन काला साबित हुआ. एक दिन में बिटकॉइन की कीमतें 30 हजार डॉलर तक गिर गईं. यही हाल अन्य क्रिप्टोकरंसी का भी रहा. यह हाल सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में देखने को मिला. इसके पीछे असली वजह क्रिप्टो एक्सचेंज में गड़बड़ी बताई जा रही है.
लोग क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) की खरीदारी करना चाह रहे थे, लेकिन एक्सचेंज में दिक्कत की वजह से खरीदारी नहीं हुई. पूरी दुनिया में क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ गुस्सा फूटा और लोगों ने सोशल मीडिया के सहारे इसका इजहार किया. एक्सचेंजों ने बताया कि बाजार में उतार-चढ़ाव और कनेक्टिविटी में दिक्कत के चलते क्रिप्टो की खरीदारी-बिक्री नहीं हो सकी.
कुछ एक्सचेंज साइट्स ने मेंटीनेंस की बात कही. 19 मई को बिटकॉइन की कीमतों में एक दिन में 30 परसेंट की गिरावट देखी गई. एक दिन में बिटकॉइन के दाम 31 हजार डॉलर के नीचे आ गए. मार्केट वैल्यू के हिसाब से बिटकॉइन का शेयर सबसे बड़ा है, लेकिन एक दिन में इतनी बड़ी गिरावट ने निवेशकों को घौर चिंता में डाल दिया.
सबसे बड़ी गिरावट
यही हाल इथीरियम (Ethereum) की कीमतों में भी देखा गया. इसकी कीमतें 19 मई को एक दिन में 23 परसेंट तक गिर गईं. यह जानकारी कॉइनडेस्क ने दी. यह एक्सचेंज अमेरिका से काम करता है जिसने क्रिप्टोकरंसी में गिरावट को अस्थायी बताया. इसी तरह की गिरावट ईटीएच और ईआरसी-20 के विड्रॉल में भी देखे गए. हालांकि दिक्कत बाद में सुधर गई थी. बिनेंस के कस्टमर्स को भी क्रिप्टो की खरीद में दिक्कत आई. बिनेंस भी अमेरिकी एक्सचेंज है.
ऐसी दिक्कतें यूरोपिय देशों में भी हुई. लक्जमबर्ग के बिटकॉइन एक्सचेंज बिटस्टांप ने कहा, एफआईएक्स एपीआई के साथ ऐसी परेशानी दिखी. इसे सुधारने पर काम चल रहा है और उम्मीद है कि इसे जल्द दुरुस्त कर लिया जाएगा. सुधार होते ही कस्टमर्स को जानकारी दी जाएगी. भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स ने भी ग्राहकों को धैर्य रखने की अपील की. यह भारत का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है. इस प्लेटफॉर्म पर भी ट्रांजेक्शन में दिक्कत आई लेकिन घंटे भर बाद यह सही हो गया.
सभी क्रिप्टो में गिरावट
Bitcoin में एक दिन में 31 परसेंट, इथीरियम में 30 परसेंट और डोजकॉइन में लगभग इतनी ही गिरावट दिखी. बिटकॉइन अपने सभी ऊंची रेट 64 हजार डॉलर से रिकॉर्ड 35 हजार डॉलर पर पहुंच गया. पिछले सात दिन का हिसाब देखें तो क्रिप्टो के बाजार में 300 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है. यह रिजर्व बैंक के पूरे फोरेक्स एसेट का आधा हिस्सा है.
क्या है गिरावट की वजह
गिरावट की दो मुख्य वजह बताई गई है. पहला, चीन ने क्रिप्टो के इस्तेमाल पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. अब किसी भी क्रिप्टो में वहां ट्रांजेक्शन नहीं होगा. यह निर्देश सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को दे दिए गए हैं. चीन दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो का ट्रांजेक्शन करने वाला देश है. वहां क्रिप्टो में सबसे ज्यादा निवेश हुआ है. चीन के इस ऐलान के बाद निवेशकों में खलबली है. चीन की इस घोषणा के बाद क्रिप्टो के दाम धड़ाम से नीचे गिर गए.
दूसरी वजह एलॉन मस्क की वह बात है जिसमें उन्होंने कहा है कि अब उनकी कंपनी टेस्ला बिटकॉइन में ट्रांजेक्शन नहीं करेगी. मस्क ने अपनी प्राइवेट होल्डिंग को भी हटाने का फैसला किया है. मस्क का कहना है कि क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग में बहुत ज्यादा बिजली लगती है और उनकी कंपनी रिन्यूएबलल एनर्जी पर काम करती है. इसलिए वे क्रिप्टोकरंसी से हट रहे हैं. उन्होंने यह भी कह दिया कि टेस्ला की कारें अब क्रिप्टोकरंसी से नहीं खरीदी जाएंगी. मस्क के इस बयान के बाद बिटकॉइन को सबसे ज्यादा घाटा हुआ और कीमतें कई फीसद तक नीचे गिर गईं.
सोने के दिन लौटेंगे
जानकार बताते हैं कि एलॉन मस्क और चीन की चेतावनी के बाद क्रिप्टो के बाजार में हलचल है. अब क्रिप्टोकरंसी खरीदने से ज्यादा लोग बेचने पर ध्यान लगा रहे हैं. लोगों को लग रहा है कि जितनी जल्दी हो सके क्रिप्टो बेचकर सोने में पैसा लगाया जाए. जानकार क्रिप्टो के बाजार को पानी का बुलबुला बता रहे हैं जो एक न एक दिन फूटेगा. अब वैसा दिन आता हुआ दिख रहा है. पहले क्रिप्टो की खरीदारी होती थी तो रेट एकदम से उठता था. आज सब लोग बेचने में लगे हैं तो रेट धड़ाम से गिरने लगा है. लोग क्रिप्टो का पैसा निकाल कर सोने में लगा रहे हैं. अगले कुछ दिनों में सोने के भाव चढ़ेंगे.
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